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Category: आलेख

एक परिदृश्य

Laghu Katha : वर्ष 2022 का हिंदी बाल साहित्य : एक परिदृश्य

राजकुमार जैन राजन Laghu Katha : बालसाहित्य बच्चों की कल्पना को पंख लगाने का काम करता है। वह बालमन के चिंतन के क्षितिज को विस्तार देता है। बालसाहित्य की उपयोगिता तथा प्रासंगिकता को सभी शिक्षाशास्त्रियों व समाजशास्त्रियों ने रेखांकित किया है। बालसाहित्य का सृजन हर कालखंड में होता रहा है। आज बढ़ते इंटरनेट के प्रयोग More

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अशोक कुमार

जीवन नैया : कुमुदलाल गांगुली अशोक कुमार कैसे बने ?

हिंदी सिनेमा के गोल्डन समय की यादों को अगर जानना हो तो प्राइम वीडियो पर एक अफलातून वेब सीरीज ‘ज्यूबिली’ आई है। निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी आप को इस सीरीज के माध्यम से मुंबई की उस दुनिया में ले जाते हैं, जिसे हम मायानगरी के रूप में जानते हैं और जिसके बारे हमने केवल पढ़ा-सुना है। More

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मेरा साया : राज खोसला की ट्रायोलाॅजी की तीसरी परछाई 

वीरेंद्र बहादुर सिंह  पिछली बार हमने ‘मेरा साया’ फिल्म के लोकप्रिय गाने ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार…’ की बात की थी। माना जाता है कि यह गाना ठग-चोरों की लोकसंस्कृति से आया है। कहा जाता है कि ठग-चोर लोग गांवों के चौराहे पर नाच-गाना का तमाशा कर इसकी आड़ में लोगों के घरों में More

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फिल्मों में प्रेमचंद : सिनेमा का ‘प्रेम’ और साहित्य का ‘चंद’

वीरेंद्र बहादुर सिंह  धनपतराय श्रीवास्तव की परेशानी 8 साल की उम्र से ही शुरू हो गई थी। उन्होंने अभी स्कूल जाना शुरू किया था कि उनकी मां आनंदी देवी की बीमारी से मौत हो गई थी। उनके पिता अजब अली ने दूसरा विवाह किया और धनपत को दादी के सहारे छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद More

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झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में : पर किस तरह और क्यों

वीरेंद्र बहादुर सिंह  लगभग हर शादीशुदा पुरुष को यह अनुभव होगा। सपरिवार शादी में जाना है। हमेशा की तरह पति तैयार हो कर दरवाजे पर खड़ा है। पत्नी अभी ड्रेसिंग रूम में है। पति जल्ली आओ… जल्दी आओ कह कर राह देख रहा है, पर पत्नी जल्दी आती नहीं। थक कर और चिढ़ कर पति More

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दिलीप कुमार और देव आनंद की एकमात्र ‘इंसानियत’

वीरेंद्र बहादुर सिंह  आज जिस तरह शाहरुख खान, आमिर खान और सलमान खान की त्रिमूर्ति हिंदी सिनेमा जगत पर ‘राज’ कर रही है, उसी तरह एक जमाने में राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद की ‘त्रिमूर्ति’ सिमेमाप्रेमियों के दिल पर छाई थी। तीनों विभाजन के पहले पंजाब के थे। राज और दिलीप पेशावर में More

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सिंगिग इन द रेन : मंजिल की बरसात 

पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर मंजिल फिल्म का गाना ‘रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन…’ का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। मुंबई के एक मध्यम उम्र का युगल वंदना और शैलेश इनामदार ने इस गाने को रिक्रीएट किया था। मतलब यह कि ये दोनों मुंबई की बरसात में उन तमाम लोकेशंस पर उसी तरह More

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टाइटैनिक

टाइटैनिक: प्रेम और जहाज की ट्रेजडी

टाइटैनिक :  11 साल पहले नार्थ एटलांटिक महासागर में डूब गया ‘टाइटेनिक’ कभी समाचारों से गायब नहीं होता। आधुनिक मानव इतिहास का (उस समय) जितना बड़ा जहाज था, उतनी ही बड़ी यह दुर्घटना थी। जिस समय इसका निर्माण किया गया था, उस समय इसे सब से सुरक्षित जहाज होने की घोषणा की गई थी। 15 More

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चूड़ियों की चाहत

चूड़ियों की चाहत

चूड़ियों की चाहत : टूटी हुई रंग-बिरंगी चूड़ियाँ जब फैक्ट्री में इकट्ठा हुईं तो अपने-अपने दुखों की गठरी खोलकर बैठ गयीं । हरे कांच की चूड़ियाँ दूसरी रंग की चूड़ियों के जख्म कुरेदती हुईं अपने गम का बखान करती रहीं । इसी क्रम में हरी चूड़ियों ने लाल रंग की चूड़ियों के ढेर से पूछा More

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Acid Attack

Acid Attack : तेजाब से जलते विचार

Acid Attack : दिल्ली फिर एक बार कांप गई जब दिल्ली में बुधवार को १७ साल की लड़की पर दिन दहाड़े तेजाब फेंकने की घटना सामने आई। यह घटना द्वारका इलाके में सुबह ७:३० बजे हुई। लड़की छोटी बहन के साथ जा रही थी, तभी बाइक पर सवार २ लोग आए। पीछे बैठे लड़के ने More

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गुलजार

Gulzar की ‘किताब’ में पैरेंटिंग का पाठ

Gulzar : 1977 में आई ‘किताब’ फिल्म में एक दृश्य है। फिल्म का ‘हीरो’ बाबला (मास्टर राजू श्रेष्ठ) बीमार हो जाता है। उसे देखने आए डाक्टर (नासिर हुसैन) पिता निखिल गुप्ता (उत्तम कुमार) से कहते हैं, “टेंशन की वजह से बीमार हो गया है।” बहन कोमल गुप्ता (विद्या सिन्हा) डाक्टर से पूछती हैं, “इतने से More

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खजुराहो

खजुराहो की सपरिकर अनूठी आदिनाथ जिन प्राचीन प्रतिमा

खजुराहो मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है और अत्यन्त कलापूर्ण भव्य मंदिरों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। एक हजार वर्ष पूर्व यह चन्देलों की राजधानी था, किन्तु आज तो यह एक छोटा सा गाँव है जो खजुराहो सागर अपरनाम निनौरा ताल नामक झील से दक्षिण-पूर्वी कोने में बसा है। यह More

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