कारगिल विजय दिवस
मेरे देश के वीर जवानों को, नमन् है उनके बलिदानों को।
मेरे देश के वीर जवानों को,
नमन् है उनके बलिदानों को।
जो कारगिल में तिरंगा लहरा गये,
नमन है उन मस्तानों को।
माँ भारती के संतानों को,
नमन् है उन तूफानों को।
दुश्मनों को धूल चटा दिये,
नमन् है वीर जवानों को।
जब वीर अपने शहीद हुए,
गमगीन ये वतन हो गया।
ऐसे सबक सिखा गये की,
दुश्मनों का दमन हो गया।
दे कर प्राणों की आहुति,
विजयी दिला गयें वो वतन को।
तिरंगे में लिपटें हुए ,
फिर आ गये वो आपने वतन को।
मुल्क के खातिर कोई भी,
क्यों न कोई इम्तिहान आये।
सरफ़रोशी के खातिर,
हरदम ये प्राण काम आवें।
जयलाल कलेत
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