लाड़ली
लाड़ली
in

कविता: लाड़ली

हमें बच्चियों को,
मुस्कान देना चाहिए।
यहां हर दिन,
उत्सव सा माहौल,
रखना चाहिए।
यहीं हमारी बेटियों को,
सम्मान मिलेंगी।
सात आसमान पर पहुंचने का,
आधार बनेंगी।
ज़िन्दगी के दौर में,
यह एक सुंदर सलीका है।
यहीं बेटियों को उन्नत करने का,
खुबसूरत तरीका है।
यहां सुख और शांति से विचार जरूरी है।
बेटियों को लाडली बनाएं रखने के लिए,
आज़ हम सब की,
बन चुकी मजबूरी है।
यहीं प्रयास बेटियों को,
सम्मान दिलाएगी।
जीवन के हर रंग में,
उन्नत पहचान बनाएंगी।
आओ हम-सब मिलकर,
बेटियों की मुस्कान का,
उत्सव मनाएं।
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में,
सम्पूर्णता का रंग बिछाएं।

What do you think?

Written by Sahitynama

साहित्यनामा मुंबई से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका है। जिसके साथ देश विदेश से नवोदित एवं स्थापित साहित्यकार जुड़े हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कविता: एक चमन के फूल हम

मेरी बेटी

कविता: मेरी बेटी