पहली
पहली
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जब हम पहली बार मिलेंगे

दिन बीता है, अब रात भी बीती,
बीत रहे है वर्षो
कभी न कभी आएगा वो दिन,
जब हम पहली बार मिलेंगे।।
एक-एक पल है इंतजार उस पल का
जब आएगा वो पल, दीदार होगा उनका
जब आओगे सामने तो कहीं वक्त न थम जाएं
ऐसा न हो कहीं तुम्हें मेरी ही नज़र लग जाएं
अब तक कैसे गुजरा ये वक्त बताऊंगी उस दिन
जब हम पहली बार मिलेंगे।।
न घड़ी हम देखेंगे, न वक़्त तुम पूछना
न हम कुछ बोलेंगे, न तुम कुछ कहना
आँखों ही आँखों मे करनी है बातें
करनी है तुमसे बहुत सारी शिकायतें
हर हक बिन कहे जताऊंगी उस दिन
जब हम पहली बार मिलेंगे।।
कभी न कभी आएगा वो दिन
जब हम पहली बार मिलेंगे ।।
आरती वर्मा
लखनऊ, उत्तर प्रदेश

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Written by Sahitynama

साहित्यनामा मुंबई से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका है। जिसके साथ देश विदेश से नवोदित एवं स्थापित साहित्यकार जुड़े हैं।

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