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Category: शख़्सियत

Phanishwar Nath 'Renu'

Phanishwar Nath ‘Renu’- फणीश्वर नाथ रेणु का जीवन परिचय

Phanishwar Nath ‘Renu’ का जन्म :- फणीश्वर नाथ रेणु का जन्म 4 मार्च 1921 ईस्वी को बिहार के पूर्णिया जिले के ग्राम औराही हिंगना में हुआ. हिंदी जगत के प्रसिद्ध फणीश्वर नाथ ने इस जगन में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया. फणीश्वर नाथ रेणू सन 1942 ईस्वी में भारत छोड़ो आंदोलन में चक्रीय हिस्सा लिया More

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महादेवी वर्मा

Mahadevi Verma : महादेवी वर्मा का जीवन परिचय

Mahadevi Verma : महादेवी वर्मा को आधुनिक युग की मीरा कहा जाता था. निराला वैशिष्ट्य’ की स्वामिनी महादेवी वर्मा छायावाद की चौथी स्तंभ भी कही जाती है. छायावाद युग हिंदी भाषा की प्रसिद्ध कवित्री है Mahadevi Verma का जन्म:- आधुनिक युग की मीरा महादेवी वर्मा जी (Mahadevi Verma) का जन्म 26 मार्च 1907 भारत के More

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Nirala Sahityanama

महाप्राण निराला !

Mahapran Nirala: आकर्षक और ऊर्जापूर्ण व्यक्तित्व के कारण महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ को ‘महाप्राण’ कहा गया। उनको ‘महाप्राण’ इसलिए भी कहा गया क्योंकि वे अपने समय के कई अल्पप्राण प्रतिमानों को चुनौती देकर अपना महाप्राणत्व सिद्ध कर रहे थे। करूणा और क्रोध, आत्मसम्मान और विनम्रता, कठोरता और अतिशय कोमलता, अक्खड़पन और सहजता आदि विरोधी प्रवृत्तियों More

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‘चारुलता’ सत्यजित रे साहब की एक यादगार फिल्म

रवींद्रनाथ टैगोर के नाम के साथ एक अजीब सी मिठास जुड़ी है। सन् 1901 में शिलैदाह से जमींदारी की लम्बे समय तक देखभाल करते-करते थक कर रवीन्द्रनाथ शान्तिनिकेतन लौट आए और उन्होंने ‘नस्तानीर’ कहानी लिखी, जिसके बारे में विभिन्न विवाद हैं। कई लोग इस कहानी में रवींद्रनाथ की बाउड़ी कादंबरी देवी को मुख्य पात्र चारुलता More

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Satyajit Ray

Satyajit Ray : सत्यजीत रे जिन्होंने बदल दिया भारतीय फिल्मों का चेहरा

Satyajit Ray अगर हम आज दुनिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं की सूची बनाते हैं तो स्टीफन स्पीलबर्ग, जेम्स कैमरून, मार्टिन स्कॉर्सेज़, टिम बर्टन, वुडी एलन, जॉर्ज लुकास निश्चित रूप से सूची में सबसे ऊपर होंगे। लेकिन पिछली सदी में भी,अगर किसी से फिल्म उद्योग के कुछ प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं के नाम पूछे जाते,तो More

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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | National Poet Ramdhari Singh ‘Dinkar’

National Poet Ramdhari Singh ‘Dinkar’ राष्ट्रीय आदर्शों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने वाले राष्ट्र- प्रेरक काव्य के रचयिता होने के कारण ही भारत सरकार ने विधिवत रूप से रामधारी सिंह `दिनकर’ को राष्ट्रकवि घोषित की। वे इस रूप में सर्वमान्य कवि हैं। वे हिन्दी साहित्यकाश के दैदीप्यमान मार्तण्ड हैं। सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय पक्ष की More

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स्वामी विवेकानंद

भारतीय अध्यात्म और राष्ट्रवाद के अन्तरराष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी विवेकानंद

‘उठो, जागो, स्वयं जागकर औरों को जगाओ। अपने नर जन्म को सफल करो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।’ उपरोक्त कालजयी आह्वान उस देशभक्त संन्यासी और पश्चिम में भारत के उस सांस्कृतिक राजदूत का है जिनके संबंध में नोबेल पुरस्कार प्राप्त विश्व विख्यात कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था- More

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नंदलाल पाठक

नंदलाल पाठक के ग़जलों में राजनैतिक चेतना

‘जो भीतर हैं वे बाहर वालों को घुसने नहीं देते, ये गन्दी बात है मंदिर में ऐसी गन्दगी होना ।। ‘ग़ज़लों ने लिखा मुझको,पृष्ठ-१९ ‘धूप की छाँह’ १९७५ से लेकर ‘ग़जलों ने लिखा मुझको’ २०१७ तक की लम्बी काव्य यात्रा में पाठक जी के यहाँ कविता,गीत एवं ग़जल के साँचे में मुक्त उच्छल भावनाओं की More

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जनकवि नागार्जुन

नागार्जुन कबीर और निराला की श्रेणी के अक्खड़ और फक्कड़ कवि थे। वे खुद की बनाई राह पर चलने वाले सच्चे अर्थों में जनकवि थे। समालोचक नामवर सिंह ने नागार्जुन को `आधुनिक कबीर’ स्वीकार किया है। नागार्जुन इस मुहावरा को अक्षरशः चरितार्थ करते थे- `साहित्य लिखना नहीं, उसे जीना।’ संत तुकाराम ने कहा है कि More

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Indian Freedom Fighters | देश की आजादी के गुमनाम नायक

Indian Freedom Fighters : भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर अथवा प्राणों को सार्थक रखते हुए इस मां भारती को गौरो के चुंगल से मुक्त कराया। मां भारती के अनगिनत लोगों ने प्रत्यक्ष/ परोक्ष रूप से स्वतंत्र कराने में अमूल्य योगदान दिया लेकिन समय व काल प्रवाह का एक मार्ग जो सदा More

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