
एहसास-ए-मोहब्बत
आज अचानक नजरें रुक गई… सांसे बढ़ गयी और धड़कने थम गई… वो दो नखरीले नैन, वो होठों पे मुस्कान… ऐसा लगा बरसों के अधूरे पूरे हुए अरमान… कोई इरादा नहीं था गुफ्तगू-ए मोहब्बत का…. पर न जाने क्यों बदले मेरे जज्बात…. तुझे वो बिन पलके झपकाए ताकना…. तेरी ही यादों में खुद को मशगूल More