मीना कुमारी की 10 सबसे बेहतरीन शायरी
हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह
अयादत होती जाती है इबादत होती जाती है मिरे मरने की देखो सब को आदत होती जाती है
आँखों को देखते ही बोले बिन पिए कोई मदहोश आया
जब चाहा इक़रार किया है जब चाहा इंकार किया देखो हम ने ख़ुद ही से ये कैसा अनोखा प्यार किया
दिल तोड़ दिया उस ने ये कह के निगाहों से पत्थर से जो टकराए वो जाम नहीं होता
हँस हँस के जवाँ दिल के हम क्यूँ न चुनें टुकड़े हर शख़्स की क़िस्मत में इनआ'म नहीं होता
पूछते हो तो सुनो कैसे बसर होती है रात ख़ैरात की सदक़े की सहर होती है
अब आँख खुली अब होश आया बहका सा जब गुल-पोश आया
आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता