Premanand Ji Maharaj Quotes: प्रेमानंद जी महाराज के येप्रेरणादायी कोट्स भर देंगे जीवन में नई आशा…

राधारानी के भक्त स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के भजन और सत्संग को सुनने आज लोग दूर-दूर से आते हैं। वे न केवल लोगों को भक्ति का मार्ग सुझाते हैं बल्कि उनकी कई उलझनों को भी सुलझाते हैं। उनके वचनों में आपको न केवल प्रभु के करीब पहुंचने का मार्ग मिलेगा बल्कि जीवन के कई सार भी मिलेंगे। 

घुटने नहीं टेक सकता। हार नहीं मान सकता। मैं भगवान का दास हूं, अविनाशी का बच्चा हूं। तुम गिरा नहीं सकते, जितनी बार गिराओगे उतनी बार हम बलवान होंगे।

प्रेमानंद जी महाराज कोट्स

भगवान जिसको बड़ा बनाना चाहते हैं, उसको कोई छोटा कर नहीं सकता। और अगर कर्म खोटे कर लिए, फिर भगवान गिराना चाहे। तो तुम चाहे जितना बड़ा बनना चाहों। बन नहीं सकते। इसलिए अपने कर्तव्य धर्म का पालन करें।

 क्या होगा… होइहि सोइ जो राम रचि राखा। भगवान ने जो रच रखा हैं वही होगा। भगवान ने जो रच रखा है। बड़ा ही मंगलमय होगा। क्योंकि भगवान मंगल भवन अमंगल हारी है। तो हमको भी चिंता क्यों करनी है।

आप भविष्य की चिंता क्यों करते हो, ज्यादातर आज लोग परेशान है ओवरथिंकिंग में। आप देख लीजिए आज हमारी समाज सबसे ज्यादा परेशान है ओवरथिंकिंग से। बेमतलब की सोच। हम कह रहे उस समय कृष्ण कृष्ण बोलो न। उस समय यह विचार करों न कि जो भगवान ने रच रखा है। वो मंगल होगा, हम क्यों चिंतन करके अपने दिमाग की शक्ति को कमजोर करे।

कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।

अनमोल विचार

क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं। जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए, अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा, त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचा नहीं सकेगा।

 सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है। जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।

 हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।

 जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।