Rahat Indori shayari : राहत इंदौरी के 10 शानदार शायरी 

जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों मोहब्बत करने वाला जा रहा है

हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते

दो गज़ सही मगर ये  मेरी मिल्कियत तो है ऐ मौत तूने मुझे ज़मींदार कर दिया

वो हिंदू, मैं मुस्लिम, ये सिक्ख, वो ईसाई यार ये सब सियासत है चलो इश्क़ करें

मैं जब मर जाऊँ तो  मेरी अलग पहचान लिख देना लहू से मेरी पेशानी  पे हिंदुस्तान लिख देना

दिन ढल गया और  त गुज़रने की आस में सूरज नदी में डूब गया,  हम गिलास में

किसने दस्तक दी ये दिल पर, कौन है आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है

प्यास अगर मेरी बुझा दे  तो मैं जानू वरना तू समंदर है तो होगा  मेरे किस काम का है

गुलाब, ख़्वाब, दवा, ज़हर,  जाम क्या क्या है मैं आ गया हूँ, बता  इंतज़ाम क्या क्या है

लोग हर मोड़ पे रुक  रुक के सँभलते क्यूँ हैं इतना डरते हैं तो  फिर घर से निकलते क्यूँ हैं