रूठे हुए प्यार को
मनाने के लिए शायरी
तू रूठ जाता है,
तो मेरा दिल रूठ जाता है,
तू खामोश हो जाता है,
तो दिल टूट जाता है,
क्यों तू मुझे इतना सताता है,
इतना मनाने पर
भी क्यों तू नहीं मानता है।
तेरी आदाओं पर दिल निसार है, मुझे तुझसे बेपनाह प्यार है, तुम रूठ गई हो मुझसे, तभी तो हुआ मेरा बुरा हाल है।
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तेरी अदा गजब ढा रही है,
तेरे रूठना की अदा दिल को जला रही है,
मान जाओ अब न तड़पाओ,
तेरी खामोशी मुझे तड़पा रही है।
जब तुम हंसोगी तब मैं भी हंसूंगा, जब तुम रूठ जाओगी
तब मैं मना लूंगा।
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प्यार तुझसे बेपनाह है, मेरा दिल बेगुनाह है, मैंने तुझे नहीं सताया है, तेरा रूठना बेवजह है।
मैं तुमपर प्यार नहीं जताता हूं,
रूठने पर भी नहीं मानता हूं,
पर तुम सोच भी नहीं सकती,
इतना मैं तुम्हें चाहता हूं।
सांसें रुक सी जाती हैं तेरे जाने से, अब न तड़पाओ आ जाओ बहाने से, मैं जीता हूं तुमसे ही, मान जाओ न इतना मानाने से।
रूठे को मानना मुझे आता है, प्यार जाताना मुझे आता है, तेरे बिना मुझसे, एक पल भी रहा नहीं जाता है।
इस दिल का धड़कना तुमसे है, शरीर में रक्त का बहना तुमसे है, तुम यूं रूठ जाओगी
तो जान चली जाएगी, मेरी सांसों का चलना तुमसे है।
रूठना-मनाना तो चलता रहेगा, इससे दोनों में प्यार बढ़ता रहेगा, तुझे पता है तेरे पास मानाने वाला है, इसलिए तू रूठता रहेगा।