AMIR KHUSRO SHAYARI : अमीर खुसरो की 10 सबसे  बेहतरीन शायरी

साजन ये मत जानियो  तोहे बिछड़त मोहे को चैन, दिया जलत है रात में  और जिया जलत बिन रैन। 

रैन बिना जग दुखी  और दुखी चन्द्र बिन रैन, तुम बिन साजन मैं दुखी  और दुखी दरस बिन नैंन। 

आ साजन मोरे नयनन में,  सो पलक ढाप तोहे दूँ, न मैं देखूँ और न को,  न तोहे देखन दूँ, 

अंगना तो परबत भयो देहरी भई विदेस, जा बाबुल घर आपने  मैं चली पिया के देस। 

अपनी छवि बनाई के  मैं तो पी के पास गई, जब छवि देखी पीहू  की सो अपनी भूल गई। 

खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय, वेद, कुरान, पोथी पढ़े,  प्रेम बिना का होय। 

चकवा चकवी दो जने  इन मत मारो कोय, ये मारे करतार के  रैन बिछोया होय। 

संतों की निंदा करे,  रखे पर नारी से हेत, वे नर ऐसे जाऐंगे,  जैसे रणरेही का खेत।