Meera Shayari : मीरा की शायरी जो  सभी करते है पसंद 

प्रेम को समझने के लिए मीरा सा होना पड़ेगा, कभी अश्क छुपाने पड़ेंगे तो कभी जहर पीना पड़ेगा. 

मोहब्बत की भी देखो  कैसी अजब सी कहानी है, ज़हर पिया था मीरा ने पर  दुनिया राधा की दिवानी है. 

जिस दिन प्रेम समझ जाओगे, तुम भी ‘मीरा’ गई हो जाओगे, तन्हा जग से लड़ जाओगे ज़हर का प्याला पी जाओगे. 

प्यार तो प्यार है इसमें  क्या पूरा क्या आधा, दोनों की चाहत बेमिसाल है  चाहे मीरा हो या राधा। 

वो ‘कान्हा’ है, उसे सबका होना है, मैं मीरा हूँ, मुझे बस उसी का होना है. 

मोहब्बत माँ से सीखो  और सब्र पिता से प्रेम राधा से सीखो  और इन्तजार मीरा से. 

अंजाम की खबर तो मीरा को भी थी, बात सिर्फ मोहब्बत निभाने की थी. 

लड़कर सारी दुनिया से जब प्रीत के रंग में रंगती है, होकर आराध्य में विलीन तब कोई मीरा बनती है. 

नजर कृष्ण की हो तो सारी दुनिया में प्रेम है, नजर मीरा की हो तो सारी दुनिया ही कृष्ण है. 

सागर की बाहों में गिरती मीठी नदियाँ मिटी अधीरा, जहर पिलाये फिर से कान्हा फिर मर कर जी जाए मीरा।