मीना कुमारी की शानदार और चुनिन्दा शायरी जिससे सभी पसंद करते है 

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,  धज्जी-धज्जी रात मिली जिसका जितना आँचल था,  उतनी ही सौगात मिली. –  मीना कुमारी

जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज़ सुनी जैसे कोई कहता हो,  ले फिर तुझको मात मिली. – मीना कुमारी

अकेलेपन के अन्धेरें में दूर दूर तलक यह एक ख़ौफ़ जी पे धुँआ बनके छाया है फिसल के आँख से यह छन पिघल न जाए कहीं पलक पलक ने जिसे राह से उठाया है.  – मीना कुमारी

इतना कह कर बीत गई हर ठंडी भीगी रात सुखके लम्हे, दुख के साथी, तेरे ख़ाली हात. –  मीना कुमारी

मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली. – मीना कुमारी

जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं हॊता.  – मीना कुमारी

ये रात ये तन्हाई ये दिल के धड़कने की आवाज़ ये सन्नाटा ये डूबते तारों की ख़ामोश ग़ज़ल-कहानी. – मीना कुमारी

आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वॊ नाम नहीं होता.  – मीना कुमारी

मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली. – मीना कुमारी

सब तुम को बुलाते हैं पल भर को तुम आ जाओ बंद होती मेरी आँखों में मुहब्बत का एक ख़्वाब सजा जाओ.  – मीना कुमारी