नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम
मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं
ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते क्यूँ बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते