मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा

सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शो'ले जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

टैंक आगे बढ़ें कि पीछे हटें कोख धरती की बाँझ होती है

तुम अगर साथ देने का वा'दा करो मैं यूँही मस्त नग़्मे लुटाता रहूँ

छू लेने दो नाज़ुक होठों को, कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये क़ुदरत ने जो हमको बख़्शा है  वो सबसे हसीं ईनाम हैं ये

तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ