फलक देता है जिनको ऐश उनको गम भी होते हैं जहां बजते हैं नक्कारे वहां मातम भी होते हैं -दाग
हमन है इश्क, मस्ताना, हमन को होशियारी क्या रहें आजाद यों जग से, हमन दुनिया से यारी क्या -कबीर