दिल को सुकून देना वाला  गुलज़ार के शायरी

ऐसा कोई जिंदगी से वादा  तो नही था, तेरे बिना जीने का इरादा  तो नही था !

बड़ा गजब किरदार है  मोहब्बत का, अधूरी हो सकती है  मगर खत्म नहीं !

जागना भी कबूल है  तेरी यादों में रातभर, तेरे अहसासों में जो सुकून है  वो नींद में कहाँ !

वो शख्स जो कभी मेरा  था ही नही, उसने मुझे किसी और का भी,  नही होने दिया !

कोई समझे तो, एक बात कहूँ साहब, तनहाई सौ गुना बेहतर है, मतलबी लोगों से !

एक बीते हुए रिश्ते की, एक बीती घड़ी से लगते हो, तुम भी अब अजनबी से लगते हो !

तुमने तो कहा था हर शाम, हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल, गए हो या तुम्हारे शहर में, शाम नहीं होती !

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी, पकड़ा इसे किसने भला, जियो जो हर पल इसे भरपूर, तो फिर जिंदगी गुलजार है !

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह, उन्हें ढूंढने की जरूरत नही, मेरी आँख में झाँक कर देख लो, तुम्हें आइने की जरूरत नही !

इन उम्र से लम्बी सड़कों को, मंजिल पे पहुँचते देखा नहीं, बस दौड़ती फिरती रहती है, हमने तो ठहरते देखा नहीं !

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी  होंठ से लगाई है, मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है !