वक़्त का क्या है, वक़्त यूँ ही बीत जाएगा तु आगे तो बढ़, अपना मुकाम जरूर पाएगा यक़ीन रख खुद पर थोड़ा ऐ दोस्त्त तू यहीं नहीं, अभी तो और भी आगे जायेगा
जब भी ज़िन्दगी को समझने निकलती हूँ, में अक्सर खो जाती हूँ जिस भी मोड़ पर जाऊँ में, बस तुझे ही पाती हूँ
वक़्त बदलते देर नहीं लगती, ये बात तुम्हे तब समझ आएगी जब किरदारों में ज़िन्दगी बीत जाएगी
मुश्किलों मैं तू अलग चमकेगा तेरी जीत अलग होगी तेरा वो आसमान और वही जमीन होगी ।
एक मुश्किल के बदले एक जीत आयेगी तेरी ज़िंदादिली तूझे जन्नत दिखाएगी ।