जीवन पर  प्रेरक शायरी

धूप भी देखा छाव भी देखा मैंने इतनी सी उम्र में ज़िन्दगी का हर मुकाम देखा

चैन से रहने का हमको मश्वरा मत दीजिये, अब मज़ा देने लगी हैं ज़िन्दगी की मुश्किलें

ना कुछ मुश्किल है न ही आसान वे तो बस जिंदगी का खेल है कोई खिलाड़ी तो कोई कप्तान ।

सवाल जवाब बेहिसाब हैं बेहिसाब हैं दिलों की ख्वाहिशें जब से इनको समझा है सफर आसान हो गया

आसान नहीं अपने अंदर के  शोर को चुप करपाना अखिर ये शोर भी कहीं औरों की तरह गम न हो जाये

वक़्त का क्या है, वक़्त यूँ ही बीत जाएगा तु आगे तो बढ़, अपना मुकाम जरूर पाएगा यक़ीन रख खुद पर थोड़ा ऐ दोस्त्त तू यहीं नहीं, अभी तो और भी आगे जायेगा

जब भी ज़िन्दगी को समझने निकलती हूँ, में अक्सर खो जाती हूँ जिस भी मोड़ पर जाऊँ में, बस तुझे ही पाती हूँ

वक़्त बदलते देर नहीं लगती, ये बात तुम्हे तब समझ आएगी जब किरदारों में ज़िन्दगी बीत जाएगी

मुश्किलों मैं तू अलग चमकेगा तेरी जीत अलग होगी तेरा वो आसमान और वही जमीन होगी ।

एक मुश्किल के बदले एक जीत आयेगी तेरी ज़िंदादिली तूझे जन्नत दिखाएगी ।