ओशो जिंदगी के रहस्यों को खोल देते है, जो जीवन का सत्य है, उसे बिना डरे बोल देते है
खुद को जान लो, ईश्वर को जान लोगे, वरना सब कुछ पाकर भी दुःख भोगोगे
हृदय दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दें, जिंदगी की मुसीबतों को हँसकर गुजार दें
ऐसा क्या हमने सिखा दिया इस दिल को है, कि जीवन का सत्य स्वीकारना भी मुश्किल है
ईश्वर को कहाँ-कहाँ जाकर खोजते है लोग, ईश्वर कण-कण में है, यह भी मानते है लोग
खुद से मिला नहीं, खुदा की बात करता है, जिंदगी भर खुद को नजरअंदाज करता है
हकीकत में खुदा तो हर इंसान के अंदर है, खुद में उतर देख कितना आनंदमय मंजर है
प्रकृति मुस्कुराती है, कण-कण मुस्कुराता है जब तुम मुस्कारते हो तो खुदा मुस्कुराता है
खुद को तकलीफ देकर खुदा को नहीं पाओगे, बल्कि खुदा और खुद से ही बहुत दूर हो जाओगे
उसे कोई कैसे दुखी कर सकता है, जिसकी किसी से कोई उम्मीद ही ना हो