खूबसूरत चेहरे पर शायरी
आँखों में देखा तो जाहिर हुआ
कि अभी बहुत नादानियाँ है,
ये तुम्हारा चेहरा ये जुल्फें ये तो बस
कयामत की निशानियाँ है।
उसके हुस्न से मिली है मेरे इश्क को ये शौहरत,
मुझे जानता ही कौन था तेरी आशिक़ी से पहले।
ये उड़ती ज़ुल्फें और ये बिखरी मुस्कान, एक अदा से संभलूँ तो दूसरी होश उड़ा देती है।
अपनी हसीन सूरत को पर्दे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख़ लोग है नज़रों से चूम लिया करते है।
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,
ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था हमने,
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और बढ़ जाएगा।
चेहरा हसीन गुलाबों सा मिलता-जुलता है,
नशा पीने से ज़्यादा तुमको देखने से चढ़ता है।
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
तुझे सामने से ज़्यादा छुपकर देखना अच्छा लगता है।
आपका शर्मना हमे
बड़ा भाता है,
और आपका एक
झलक देकर चले जाना,
हमे तड़पता है।
तेरे खुबसुरती पे तो लाखों मरते होंगे,
लेकिन हम तेरी बाते सुनने के लिए तड़पते हैं।