जन्माष्टमी से जुड़े कुछ अनसुनी कहानियाँ

भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम हैं, जिनमें गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, बनवारी, चक्रधर, देवकीनंदन, हरि, और कन्हैया प्रमुख हैं |

अपने गुरु संदिपनी को गुरु दक्ष‍िणा देने के लिए भगवान ने उनके मृत बेटे को जीवित कर दिया था |

श्रीकृष्ण की कुल 16108 पत्न‍ियां थीं, जिनमें से 8 पटरानी हैं |

कृष्ण, देवकी की आठवीं संतान थे. सातवीं संतान बलराम थे. भगवान ने बाकी छह को भी देवकी से मिलवाया था |

 ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के मानव अवतार का अंत एक शिकारी के तीर से हुआ था |

वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। 

विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है

भगवान कृष्ण के जीवन की कथा और कहानियों को कृष्ण लीला के रूप में जाना जाता है. कथा के अनुसार, कृष्ण का जन्म मथुरा के यादव वंश में रानी देवकी और उनके पति राजा वासुदेव के यहां हुआ था

भगवान कृष्ण को कोमलता, धैर्य, करुणा और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

उस समय सत्यभामा की मदद से कृष्णजी ने नरकासुर का वध किया। वहीं, 16000 हजार कन्याएं समाज के कलंक से बचने के लिए भगवान को ही अपना पति मान लिया