Qateel Shifai shayari:  क़तील शिफ़ाई बेस्ट शायरी.

हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे अभी कुछ बे-क़रारी है  सितारो तुम तो सो जाओ 

जब भी आता है मिरा नाम तिरे  नाम के साथ जाने क्यूँ लोग मिरे  नाम से जल जाते हैं 

आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए  मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ 

दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते  हैं लोग अब मुझ को तिरे  नाम से पहचानते हैं 

चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते 

उफ़ वो मरमर से तराशा हुआ  शफ़्फ़ाफ़ बदन देखने वाले उसे  ताज-महल कहते हैं 

दूर तक छाए थे बादल और कहीं  साया न था इस तरह बरसात का  मौसम कभी आया न था 

तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो  हालात नहीं एक ज़रा सा दिल टूटा  है और तो कोई बात नहीं 

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई  में ख़ुदा किसी को किसी  से मगर जुदा न करे 

थक गया मैं करते करते याद तुझ को  अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ