पर्यावरण
लाल गुलाबी श्वेत बैंगनी फूलों से भर दो। पर्यावरण रक्षा में प्रकृति हरी भरी कर दो।। ओढ़ बसंती रंग की साड़ी वसुंधरा इठलाई, वायु प्रदूषण दंश झेलती पुरवाई सकुचाई। सूखी टहनी की पट्टी में क्लोरोफिल भर दो, पर्यावरण रक्षा में प्रकृति----।।

१. लाल गुलाबी श्वेत बैंगनी फूलों से भर दो।
पर्यावरण रक्षा में प्रकृति हरी भरी कर दो।।
ओढ़ बसंती रंग की साड़ी वसुंधरा इठलाई,
वायु प्रदूषण दंश झेलती पुरवाई सकुचाई।
सूखी टहनी की पट्टी में क्लोरोफिल भर दो,
पर्यावरण रक्षा में प्रकृति----।।
२. रंगों से हर बार खेलती यह दुनिया बहुरंगी,
झूम रहे मद से मतवाले घर बाहर साथी संगी।
खिल जाएंगीं प्यारी कलियां खिलने का अवसर दो,
पर्यावरण रक्षा में प्रकृति ----।।
३. धर्म आस्था नाम पर तूने ऐसी खुशी मनाई,
हरे वृक्ष की शाख काट दी फिर होलिका जलाई।
जेल होलिका बचे लकड़ियां ईश्वर ऐसा वर दो,
पर्यावरण रक्षा मेंप्रकृति----।।
४. गांव शहर से बहकर आया रंग भरा दूषित पानी,
गंगा में मिल विष फैलाया संकट में जल की रानी।
होली वनस्पति की होले कुछ ऐसा कर दो,
पर्यावरण रक्षा में प्रकृति----।।
५. श्रद्धा निष्ठा संकल्पों का भारत देश हमारा,
ऋषि मुनियों की वैदिक दृष्टि नव चिंतन की धारा।
पर्यावरण की पिचकारी में रंग प्यार के भर दो,
पर्यावरण रक्षा में प्रकृति----।।
मनोज मंजुल
कासगंज, उत्तर प्रदेश
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