कहानी

लालच बुरी बला

राम अपने खेत में काम कर रहा होता है, तो उसकी पत्नी उसका खाना लेकर खेत में आती है...

आकर्षण सिर्फ एक भ्रम

राजीव जैसे ही दुकान खोलता है वैसे ही कोई उसके पीछे खड़ा हो जाता है वह घूम कर देख...

उसकी मुस्कान

कुछ  लड़कियों ने यहांँ तक कह दिया । कि - "जब तुम हंँसती हो एकदम अपने भैया की तरह...

मां की सौगंध

पिताजी मुझे कुछ नहीं चाहिए।" आंखों में आंसू भर कर सुशीला ने बाप के सामने हाथ जोड...

परिंदों की दुनिया से सबक

एक सुबह हल्की-सी चहचहाहट सुनाई दी। मैंने ऊपर देखा वह डाली पर बैठी थी ! थोड़ी कमज...

बेटी का सुख

तब आशा देवी ने कहा, "तो तुम उस मकान पर अपना हक छोड़ क्यों नहीं देते। क्योंकि उस ...

पढ़िए प्रफुल्ल प्रभाकर जी की लिखी कहानी 'शोधपत्र'

मस्तिष्क पर जोर डाल सोचता हूँ कहां देखा है। पास टेबल पर नजर जाती है ‘द समिंग अप’...

उलझन

अजय जी अपने निजी जीवन से न जाने क्यों त्रस्त थे ।अच्छे खासे पढ़ने वाले बच्चेअच्छी...

औलाद

पतझड़

Hindi Stories | अंहकार

नागपुर शहर में एक महान चित्रकार संजीत रहता है। उसका नाम दूर-दूर तक मशहूर है। जब ...

Hindi Stories | Motivational Sotry in Hindi | मन की आँखे

मन की वाराणसी ट्रांसफ़र होने से मन में खुशी थी कि अब जी भर कर काशी विश्वनाथ के दर...

ट्रेन संख्या 12424

मैंने जब नमस्कार में अपने हाथ जोड़े तो उन्होंने आशीर्वाद देने के लिए मेरे सिर पर ...

भीगा मन

साक्षी विपरीत परिस्थितियों में भी अपना काम उतनी ही तन्मयता से करती रही। उसी कठिन...

वसुंधरा पुष्कर

हे परमपिता! निराकार हो, कण कण में समाए रहते हो हर पत्ते- बूटे में तुम ही तुम द...