निर्बलों का बल
हे! भगवान तु निर्बलों का है बल और है तु गंगा का जल तु है किसानों का हल और तु है जहां में निर्मल

हे! भगवान
तु निर्बलों का है बल
और है तु गंगा का जल
तु है किसानों का हल
और तु है जहां में निर्मल
तु समा है सभी के दिल
और तु जागृत है हर पल
तु है हर पेड़ के मीठे पल
और है दुनिया में आजकल
संसार के कीचड में मत ढल
है इनसान के इंसानियत के तल
है तु सेवकों के सेवा के दल
हर घर में बरसता प्रेम का नल
धोता है सभी के जीवन के मल
है तु अमंगलों का शुभ मंगल
तु मेरा जीवन का हरा जंगल
तु दिखता है दंगल में भी सुमंगल।
दुनिया के सभी है तेरे लाल
नामस्मरण ही तेरा दया माल
तेरा मन है बहुत विशाल
तेरा जग सदा क्रियाशील।
शिवन्ना मल्लप्पा
हदिमूर
What's Your Reaction?






