ग़ज़ल

ग़ज़ल

गज़ल 

हवाओं के रुख की फ़िक्र  परिंदे कहां किया करते हैं। अरमानों की उड़ान बेख़ौफ़  प...

ग़ज़ल

ये ज़िंदगी तुझसे कितना दूर जाएं हम कहीं मंज़िलों का पता न भूल जाएं हम ये ज़िंदग...

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