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कविता

आलेख

आखिर कब तक

कब तक.. आखिर कब तक...यह पूछ रही भारत माता  रो रही है जार-बेजार, बेशुमार भारत मा...

मजदूर

हर त्योहार गरीबी में बिना मनाए ही चला जाता है भुखमरी, तंगहाली और पैसे की कंगाली...

लहरों में उलझी यादें

आंखों में सागर ने पहली बार समुद्र की गहराई देखी थी कॉलेज की लाइब्रेरी में पहली ब...

शख्सियत

जहां चाह वहाँ राह

। एक ऐसी लड़की जो बिना पांव के भी एवरेस्ट की ऊंचाइयों को छूकर आती है। एक ऐसी लड़की...

त्योहारों का महत्व

, काम करते-करते उसके मन में एकरसता का भाव उत्पन्न हो जाता है। त्योहार ही एकरसता ...

सबक

लेकिन जब लोग शिक्षित कम थे उस समय तो स्थिति भयावह ही रही होगी। कहते हैं की औरतें...

धरोहर

यात्रावृत्तांत

उपन्यास

सिनेमा

शायरी

ग़ज़ल

ग़ज़ल

गज़ल 

हवाओं के रुख की फ़िक्र  परिंदे कहां किया करते हैं। अरमानों की उड़ान बेख़ौफ़  प...

ग़ज़ल

ये ज़िंदगी तुझसे कितना दूर जाएं हम कहीं मंज़िलों का पता न भूल जाएं हम ये ज़िंदग...

गज़ल

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कविता

पर्यावरण

लाल गुलाबी श्वेत बैंगनी फूलों से भर दो।  पर्यावरण रक्षा में प्रकृति हरी भरी कर ...

कविता

गीत जाने कौन गा रहा है?

कल्पना के नक्षत्र से अंबर के प्रतिमान पर द्विदिप्त कोई तारा उत्सव आज मना रहा है...

कविता

रोचकता

पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम, कोई अपना पीछे छूट गया, आज दिल को ह...

कविता

प्रतिशोध बाकी है

अभी तो सिर्फ झांकी है, बड़ा प्रतिशोध बाकी है। नहीं है जिन में मानवता, दिखा द...

कविता

मैं

मैं भरी रही  मैं से  प्रेम आया तो  निकल गया छूकर  प्रेम और मैं की  कतई नह...

कविता

मैं बस तुझको गाता हूँ!!!

कोई मंदिर का दर गाता कोई मस्जिद गाता है कोई गाता है गिरिजाघर कोई गुरुघर गाता ...

कविता

अवर्णनीय माँ....

तुम अमृतमयी थीं सदैव ही मेरा अस्तित्व तुम से ही तो है जो लोरियां सुना के सुलाय...

कविता

अम्मांँ

तनिक नहीं सुख पाये अम्मांँ अपने बालकाल में बड़े-बडे़ दुख पाये अम्मांँ अपने जीवन ...

कविता

आज कल की दोस्ती

आज कल की दोस्ती, सब कुछ बदल गया डिजिटल दुनिया में यारों का तो खूब प्यार पाया

कविता

पल बीत गए

आँसू थमकर पलकों पर जम गए। राह में आपकी कई पल बीत गए। सफलता प्यार में कभी ना ...

कविता

माँ की दुआएँ

ख़ज़ाना है बड़ा अनमोल    जीने का सहारा है, दुआएँ माँ की मिल जाएँ    यही उपहार प...

कविता

श्रम का सम्मान

समाज के निर्माण में है जिनकी  महत्ता,  मजदूरों को समर्पित है  मेरी कविता। श्...