Tag: hindi poetry

Hindi Poetry | हद

पौधों पत्तो फूलों को लगाया था मैंने आंगन बगिया को सजाया था मैंने

Hindi Poetry | बेटा हुआ पराया

ऊँगली थाम जिसे दुनियां की सरपट सैर कराया  वृद्धाश्रम की भेंट चढ़े हम, बेटा हुआ प...

Hindi Poetry | धरती की पुकार

मैं धरती माँ हूँ, ईश्वर की अनमोल रचना, प्राकृतिक-संसाधनों से परिपूर्ण चिर-यौवना,

Hindi Poetry | क्या से क्या बन गए आप

शांति और सकून  ममता और अपनत्व क्या क्या समझा था  क्या से क्या बन गए आप ।

Hindi Poetry | सूरज ने है ज़िद ठानी

लगता है सूरज ने है ज़िद ठानी, आना है मुझको धरती पर, पीना है मुझको पानी।

दिल से हिंदी

लिखते तो वह लोग हैं, जिनके अंदर कुछ दर्द है, अनुराग है, लगन है, विचार है। जिन्हो...