Tag: hindi poem on life

मन

न चंचल है, मन निर्मल है  मन भ्रष्ट दिशा में जाता है।  मन का स्वभाव, अति वेगवान...

श्रम का प्रतिदान

हो गया संतुष्ट  अपने हुनर का  बस ले दाम। नहीं, कभी नहीं  अपने सृजन पर  किया...

मन सुन्दर तो सब सुन्दर

केवल क्षण भर की सुंदरता है नहीं मुझे स्वीकार। सारा जग हो, आलोकित यही प्रण है इस...