हाइकु

टूट रहा था घर और मकान माँ के मरते 

Jun 14, 2025 - 16:49
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हाइकु
Haiku

टूट रहा था
घर और मकान
माँ के मरते 

 
मौन है प्रेम
हवा और पेड़-सा 
प्राणधार भी 


हम बैठे हैं
चलता है अचल 
जैसे पवन 

दीपा गेरा
कानपूर, उत्तर प्रदेश

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