लालच बुरी बला

राम अपने खेत में काम कर रहा होता है, तो उसकी पत्नी उसका खाना लेकर खेत में आती है। जब उसे राम के इस कृत्य का पता लगता है तो वह समझ गई की वह जादुई मटकी है। वह राम से कहती हैं कि “अगर आप मटकी बेचने की बजाय उसका इस्तेमाल करते, तो इसमें और सोना बनता।“ 

Mar 27, 2025 - 13:34
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लालच बुरी बला
greed is evil

  एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक किसान अपने परिवार के साथ रहता है। राम ईमानदार और मेहनती है, लेकिन बहुत गरीब हैं। हर दिन वह कठिन परिश्रम करता, लेकिन मेहनत का फल बहुत कम मिलता। इसी तरह वो अपना जीवन जी रहा है।

एक दिन, जब वह अपने खेत की खुदाई कर रहा होता है, तब उस समय राम को एक चमचमाती तांबे की मटकी मिली। जब उसने मटकी खोली तो उसमें सोने के सिक्के थे। राम बहुत खुश हुआ, लेकिन उसने सोचा कि इसे गाँव में सबसे अमीर सेठ सोहनलाल को बेच देगा, जिससे उसके परिवार का जीवन यापन अच्छे से होगा। 

सेठ को मटकी देखकर लालच आया और उसने राम से कहा, “यह मटकी मेरे पूर्वजों की है। तुम इसके हकदार नहीं हो।“ 

राम ने सेठ की बात का विरोध किया और उससे कहा, “मैंने इसे अपने खेत में खुदाई के दौरान पाया है। यह मेरी है।“ 

सेठ ने एक चाल चली और राम के लिए लालच का मीठा जाल बिछाया। उसने राम से कहा, “अगर तुम यह मटकी मुझे दे दो, तो मैं तुम्हें पच्चीस सोने की मोहरें दूँगा।“ 

राम की आँखें खुशी से चौंधियाने लगीं और उसने सोचा कि पच्चीस सोने की मोहरों में उसका और उसके परिवार का जीवन बदल सकता है।

राम ने मटकी सेठ को दे दी और पच्चीस सोने की मोहरें ले लीं। सेठ अपनी चाल के कामयाब होने पर खुश होकर हँसता रहा और मटकी को अपने घर ले गया। 

जब अगले दिन राम अपने खेत में काम कर रहा होता है, तो उसकी पत्नी उसका खाना लेकर खेत में आती है। जब उसे राम के इस कृत्य का पता लगता है तो वह समझ गई की वह जादुई मटकी है। वह राम से कहती हैं कि “अगर आप मटकी बेचने की बजाय उसका इस्तेमाल करते, तो इसमें और सोना बनता।“ 

तब राम ने अपनी पत्नी की बात पर विचार किया और तय किया कि उसने पहले जो भी लालच किया है, वह उसे सुधारने का प्रयास करेगा।

राम ने अपनी मटकी वापस लेने की ठानी भले ही वो खाली हो। उसने सेठ के घर जाकर मटकी वापस लेने का बहुत प्रयास किया, लेकिन सेठ ने उसे हर बार भगा दिया। 

थककर राम ने गाँव के प्रधान से इस मामले में मदद माँगी। प्रधान ने सारे मामले की जाँच की। और जब प्रधान ने सेठ के घर में मटकी देखी, तो उसने पाया कि वाकई वह मटकी जादुई है, जो अनंत सोने के सिक्के बना सकती हैं।

प्रधान ने राम की मेहनत और ईमानदारी को देखते हुए उसे वह  मटकी लौटा दी। राम ने तब से मटकी का सही उपयोग किया और धीरे-धीरे उसकी जिंदगी बदल गई। उसने गाँव के अन्य गरीब किसानों की भी मदद की और उन सबका जीवन भी समृद्ध बना दिया। 

इस तरह, राम ने सीखा कि लालच से कुछ भी हासिल नहीं होता, बल्कि मेहनत और ईमानदारी से ही वास्तविक सुख और सफलता आती है। लालच हमें न केवल हमारे पास जो है उससे वंचित करता है, बल्कि हमें और भी नुकसान पहुंचा सकता है। ईमानदारी और सच्चाई हमेशा सबसे अच्छा मार्ग है।

कठिनाइयों में भी हमें सच्चाई और ईमानदारी का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। यह मार्ग हमें लंबे समय में हमेशा बेहतर परिणाम देता है, चाहे वह हमारे मानवीय संबंध हों या हमारी नैतिकता। 

सच्चाई और ईमानदारी से भरा जीवन हमें आत्मसम्मान और दूसरों का सम्मान दिलाता है। जबकि लालच और धोखा जीवन में असंतोष और संकट पैदा कर सकता है। इसलिए, हमें सदैव सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलते हुए अपने सभी कठिनाइयों का सामना करना चाहिए।


अंजना गोमास्ता

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