खेल जगत में भारतीय महिलाओं का योगदान
महिला एथलीटों की स्थिर आय और नौकरी की सुरक्षा की अनिश्चितता है। इन चुनौतियों के बावजूद महिला एथलीट जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास कर रही हैं और इतिहास रच रही हैं। खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये सबसे ज़्यादा ज़रूरी है
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भारतीय खेल जगत में महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। भारतीय महिलाओं ने खेल जगत में एक स्वर्णिम युग का निर्माण किया है। मुश्किल हालातों का सामना करते हुए कामयाबी की बुलंदियों को छुआ है। इन महिलाओं ने अपने खेल प्रदर्शन से आने वाली पीढ़ी के लिए मापदंड स्थापित किये है। इन महिलाओं ने खेलो में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के साथ- साथ युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया है। बैडमिंटन में अपर्णा पोपट, तैराकी में बुला चौधरी, पर्वतारोहण में बछेंद्रीपाल, निशानेबाजी में अंजलि वेद पाठक आदि ने वैज्ञानिक ढंग से अपना प्रदर्शन कर देश का गौरव बढ़ाया है । टेनिस में सानिया मिर्जा विश्व के मानस पटल पर अपनी छाप छोड़ चुकी हैं । खेल जगत में महिलाओं के कदम रखने से नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं ।
महिला एथलीटों की स्थिर आय और नौकरी की सुरक्षा की अनिश्चितता है। इन चुनौतियों के बावजूद महिला एथलीट जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास कर रही हैं और इतिहास रच रही हैं। खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि उन्हें उनके परिवार का साथ मिले। इसके अलावा, राज्य सरकारों को खेलों में भाग लेने से संबंधित सेमिनार और शिविरों का आयोजन करवाना चाहिये ताकि महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवार भी खेलों के प्रति ज़ागरूक हों।
खेल खेलने वाली लड़कियों और महिलाओं में आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान का स्तर अधिक होता है और अवसाद का स्तर कम होता है। खेल खेलने वाली लड़कियों और महिलाओं की शारीरिक छवि अधिक सकारात्मक होती है|
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के चार तरीके हैं:
1. उन्हें कम प्रोफ़ाइल वाला न समझें।
2. प्राथमिक स्तर पर प्रोत्साहन प्रदान करें ।
3. अच्छा बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान करें।
4. प्रोत्साहन देकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराएँ।
भारत में खेलों में महिलाओं की भागीदारी के परिदृश्य को सुधारने के लिए सरकार के कदम खेलो इंडिया योजना के तहत, 'प्रतिभा खोज और विकास' घटक के तहत देश में 1374 महिला एथलीटों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और हर एथलीट को हर साल 6,28,400 रुपये (आउट ऑफ पॉकेट अलाउंस के तौर पर 1,20,000 रुपये सहित) की दर से अधिकतम वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
खेलो इंडिया महिला लीग को आधिकारिक तौर पर ‘ अस्मिता महिला लीग’ के नाम से जाना जाएगा। ASMITA का तात्पर्य 'महिलाओं को कार्रवाई के माध्यम से प्रेरित करके खेल मील के पत्थर हासिल करना' है।
खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2024 में केंद्र शासित प्रदेश ने लेह के एनडीएस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में महिलाओं की शॉर्ट ट्रैक 1600 मीटर रिले रेल में पहली बार स्वर्ण पदक जीता|
खेलो इंडिया महिला टूर्नामेंट में पहली बार ट्रैक साइक्लिंग खेल को शामिल किया गया है।
महिला खेल फाउंडेशन
बिली जीन किंग द्वारा 1974 में स्थापित, फाउंडेशन खेल और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से लड़कियों और महिलाओं के जीवन को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। फाउंडेशन एक संघीय कानून है जो उच्च शिक्षा के माध्यमिक और उत्तर माध्यमिक संस्थानों में पुरुष और महिला छात्रों के लिए समान भागीदारी के अवसरों को अनिवार्य बनाता है|
2 मई, 2024 को - महिला खेल फाउंडेशन 50 साल का हो जाएगा। फाउंडेशन आपको साल भर चलने वाले उत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि वे काम में और सुधार ला सकें|
लड़कियों और महिलाओं को प्रोत्साहन और आकांक्षी रोल मॉडल की आवश्यकता है
हमें अपनी बेटियों की खेल भागीदारी का समर्थन करने के लिए बेहतर काम करना चाहिए। पर्व-त्योहार और जन्मदिन में उपहार देने के लिए, हमें खेल में लड़कियों के खेल उपकरण और खेल पाठों वाली पुस्तकें ढूँढनी चाहिए। हमें अपने बेटों और बेटियों को, महिलाओं को खेल खेलते हुए देखने के लिए ले जाना चाहिए ताकि वे बड़े होकर महिलाओं के खेल कौशल की सराहना करें और उनका सम्मान करें| हमारी बेटियाँ खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में अपनी तस्वीरें देखें| ओलंपिक खेलों के बाद ओलंपिक खेलों में लड़कियों की भागीदारी काफी बढ़ गई है, क्योंकि महिलाओं के खेलों का कवरेज पुरुषों के खेलों के बराबर किया गया। आकांक्षी रोल मॉडल युवाओं में खेलों की माँग को बढ़ाते हैं। सीमित कॉलेज और पेशेवर खेल अवसरों और टेलीविजन कवरेज न होने के कारण महिलाओं के खेलों को अभी तक प्रसिद्धि नहीं मिल पा रही|
भारत में खेलों में प्रथम महिला
नीलिमा घोष (जन्म 15 जून 1935) ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की पहली महिला ट्रैक एथलीट थीं, जब उन्होंने फिनलैंड के हेलसिंकी में आयोजित 1952 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में दो स्पर्धाओं में भाग लिया था। घोष केवल 17 वर्ष की थीं जब उन्होंने 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में अपनी दो स्पर्धाओं में भाग लिया था।
ओलंपिक में पहली महिला
सिडनी खेलों में ओलिंपिक इतिहास में पहली बार महिलाओं के भारोत्तोलन को शामिल किया गया| कर्णम मल्लेश्वरी एक सेवानिवृत्त भारतीय भारोत्तोलक हैं। वह 2000 में सिडनी में ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
कुछ महिला खिलाड़ियों का परिचय एवं उनको मिलने वाले पदक
१.एमसी मैरीकोम – बॉक्सिंग
परिचय
पूरा नाम – मांगते चुंगनेजंग मैरी कोम।
जन्म स्थान – कन्गथेइ, मणिपुरी, भारत।
जन्म तारीख – 1 मार्च, 1983।
माता – मांगते अक्हम कोम।
पिता – मांगते तोंपा कोम।
कोच – गोपाल देवांग, एम् नरजीत सिंह, चार्ल्स अत्किनसन, रोंगमी जोसिया।
निवास स्थान – इम्फाल, मणिपुर।
पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ:-
2001 में एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2002 में एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स सीनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2003 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
2003 में एशियन वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2004 में ताईवान में एशियन वुमन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2005 में एआईबीए वुमन्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2006 में पद्म श्री दिया गया।
2006 में एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2008 में चीन में वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया।
2010 में एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
2010 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता।
2012 लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता।
2013 में पद्म भूषण दिया गया।
2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
2017 एशियाई महिला चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता।
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड पदक जीता।
2018 AIBA महिला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता।
2020 में पद्म विभूषण दिया गया।
मैरीकोम ने जीवन संघर्ष और खेल के मध्य जो तालमेल था। मैरीकोम के जीवन के इसी तालमेल पर बनी फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अभिनय किया जो काफी पसंद की गया।
२ साइना नेहवाल – बैडमिंटन
परिचय
पूरा नाम – सायना नेहवाल
जन्म तारीख – 17 मार्च 1990
जन्म स्थान – हिसार, हरियाणा
माता – उषा रानी
पिता – हरवीर सिंह
पति – परुपल्ली कश्यप
कोच – नानी प्रसाद
उपलब्धियाँ व पुरस्कार
2003 में जो जूनियर चेक ओपन जीता।
2004 के कॉमनवेल्थ यूथ गेम दूसरा स्थान प्राप्त किया।
2005 एव 2006 एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट को लगातार 2 बार जीता।
2006 पर-सीरिज़ टूर्नामेंट, फिलीपींस ओपन जीता।
2008 वर्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले प्रथम भारतीय बनीं।
2008 चीनी ताइपे ओपन ग्रां प्री गोल्ड, भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ यूथ जीता।
2009 इंडोनेशिया ओपन जीता।
2010 इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड, सिंगापुर ओपन सुपर सीरिज़, इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज़ और हांगकांग सुपर सीरिज़ भी जीती।
2010 राष्ट्रमंडल खेलों स्वर्ण पदक जीता।
2011 स्विट्ज़रलैंड स्विस ओपन ग्रां प्री गोल्ड जीता, मलेशिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड, इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज़ प्रीमियर और बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरिज़ मास्टर्स में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
2012 स्विस ओपन ग्रां प्री गोल्ड, थाईलैंड ओपन ग्रां प्री गोल्ड जीता और इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज़ प्रीमियर जीता।
2012 लंदन ओलंपिक कांस्य पदक जीता।
पुरस्कार:-
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा सबसे होनहार खिलाड़ी का सम्मान (2008).
अर्जुन पुरस्कार (2009).
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2010).
पद्म श्री (2010).
पद्म भूषण (2016)
३. पीवी सिंधु - बैडमिंटन
परिचय
नाम – पुसर्ला वेंकट सिंधु।
जन्म तारीख – 5 जुलाई, 1995।
जन्म स्थान – हैदराबाद, तेलंगाना, भारत।
माता – पी. विजया (पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी)।
पिता – पी. वी. रमण (पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी)।
कोच – पुलेला गोपीचंद।
उपलब्धियाँ:-
2009 एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप, कांस्य पदक।
2010 फेजर इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज का खिताब।
2012 में एशिया यूथ अंडर-19 चैंपियनशिप खिताब।
2013 बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप कांस्य पदक।
2013 मलेशियन ओपेन विजेता।
2014 उबेर कप कांस्य पदक।
2016 चाइना ओपन सुपर सीरीज़ विजेता।
2016 रियो ओलम्पिक एकल बैडमिंटन रजत पदक।
2017 कोरिया ओपन सुपर सीरीज़ विजेता।
2017 बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप रजत पदक।
2017 इंडिया ओपन सुपर सिरीज़ विजेता।
पुरस्कार:-
2013 अर्जुन पुरस्कार।
2015 पद्म श्री।
2016 राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार।
४. गीता फोगाट - कुश्ती
परिचय:-
नाम – गीता कुमारी फोगाट।
जन्म तारीख – 15 दिसम्बर,1988।
जन्म स्थान – गाँव- बिलाली, भिवानी, हरियाणा।
खेल – फ्रीस्टाइल पहलवान।
पिता का नाम – महावीर सिंह फोगाट।
माता का नाम – दया कौर।
उपलब्धियाँ:-
2009 में कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की कुश्ती में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता।
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी हैं।
पुरस्कार:-
2010 राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण।
2012 अर्जुन पुरस्कार।
2012 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप कांस्य।
५. सानिया मिर्ज़ा - टेनिस
नाम – सानिया मिर्ज़ा मलिक।
जन्म तारीख – 15 नवम्बर,1986
जन्म स्थान – मुंबई ,महाराष्ट्र, इंडिया
खेल – टेनिस
पिता का नाम – इमरान मिर्ज़ा
माता का नाम – नसीमा मिर्ज़ा
उपलब्धियाँ:-
2003 में रूस की एलिसा क्लेबानोवा के साथ मिलकर विंबलडन चैंपियनशिप गर्ल्स डबल्स का खिताब जीता।
2004 एशियाई टेनिस चैंपियनशिप में उप विजेता।
2005 यू.एस. ओपन में ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के चौथे दौर, ऑस्ट्रेलियाई ओपन के तीसरे दौर में पहुँचने वाली पहली भारतीय बनीं थी।
हैदराबाद का ओपन डब्ल्यूटीए एकल खिताब जीता।
2006 दोहा में एशियाई खेलों में सानिया – लिएंडर पेस मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक और महिला एकल वर्ग में रजत पदक जीता।
2007 यूएस ओपन में सानिया– महेश भूपति मिश्रित क्वार्टर फाइनल खेला।
2009 महेश भूपति के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित युगल और ग्रैंड स्लैम जीता।
2009 बैंकॉक में पटाया वूमेन ओपन टूर्नामेंट जीता।
पुरस्कार:-
पद्म श्री (2006)
अर्जुन पुरस्कार (2012)
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2015)
पद्म भूषण (2016)
६. हरमनप्रीत कौर - क्रिकेट
नाम – हरमनप्रीत कौर भुल्लर
जन्म तारीख – 8 मार्च 1989
जन्म स्थान – मोगा, पंजाब, इंडिया
खेल – क्रिकेट
पिता का नाम – हर्मन्दर सिंह भुल्लर
माता का नाम – सतविंदर कौर
उपलब्धियाँ:-
वर्तमान मे हरमनप्रीत की विश्व क्रिकेट मे 8 रैंकिंग है।
2009 मे टी20 वर्ल्ड कप से करियर सुरु किया।
2015 मे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 विकेट लिए थे।
पुरस्कार:-
2017 मे हरमन को अर्जुन पुरस्कार मिला था।
हरमनप्रीत कौर भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम और मुंबई इंडियंस की कप्तान भी हैं।
ऋता शेखर ‘मधु’
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