मर्दाना औरत

यह क्या आज निशा के साथ कोई पुरुष भी उसके घर आया था. अब तो मोहल्ले में घर के अंदर बैठा हुआ सदस्य भी उसके घर की ओर झांकने लग जाता है. उसके साथ आया पुरुष घर के दरवाजे खोलकर उसके साथ भीतर जाता है और घर का दरवाजा बंद हो जाता है. मोहल्ले के हर घर की नजर अब सिर्फ और सिर्फ निशा के घर पर होती है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है और वह पुरुष घर से बाहर चला जाता है. सभी लोग निशा की ओर देख रहे होते हैं

Jun 2, 2025 - 16:20
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मर्दाना औरत
manly woman

आज फिर कड़कती बारिश में रात को लगभग १०:०० बजे निशा रेनकोट पहनकर अपनी स्कूटी में सवार होकर कहीं जा रही थी. मोहल्ले की कुछ महिलाएं और पुरुष जो बाहर टहल रहे थे फिर उसे एक संदिग्ध नजरों से देख रहे थे. निशा के सामने तो कोई कुछ ना बोलता मगर वह जैसे ही घर से निकलती सब कानाफूशी करके एक-दूसरे से कुछ बतियाने लगते. निशा अपनी ओर उठने वाली हर नजर और हर शब्द को महसूस करती, पर चुपचाप मुस्कुरा कर रह जाती कभी भी कोई प्रति उत्तर नहीं देती.
यह क्या आज निशा के साथ कोई पुरुष भी उसके घर आया था. अब तो मोहल्ले में घर के अंदर बैठा हुआ सदस्य भी उसके घर की ओर झांकने लग जाता है. उसके साथ आया पुरुष घर के दरवाजे खोलकर उसके साथ भीतर जाता है और घर का दरवाजा बंद हो जाता है. मोहल्ले के हर घर की नजर अब सिर्फ और सिर्फ निशा के घर पर होती है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है और वह पुरुष घर से बाहर चला जाता है. सभी लोग निशा की ओर देख रहे होते हैं आज फिर निशा ने उनके शब्दों को महसूस कर लिया और उनके अनकहे प्रश्नों ने उसे भीतर तक झंझोड़ के रख दिया. पर आज भी निशा ने बिना कुछ उत्तर दिए अपने घर की दरवाजे बंद किए और अपने घर लौट आई. मगर यह क्या आज रात निशा सो नहीं पाई. वो जैसे ही अपनी आंखें बंद करती उसे अपना बचपन याद आ जाता. उसकी आंखें फिर एक बार भीग जाती हैं. जैसे कि कुछ बीती हुई यादें उसकी आंखों के सामने एकदम से नजर आने लगती हैं. वह सोचने लगती है कि कैसे वह भी कभी एक नाजुक सी लड़की हुआ करती थी. कैसे उसे घर से स्कूल जाने के लिए भी अपने पापा की  जरूरत पड़ती थी. फिर अचानक उसके घर की घंटी बजती है और वह चौंक कर उठ जाती है. दरवाजे पर देखती है तो शर्मा जी की बेटी आई हुई थी. निशा आश्चर्यचकित रह जाती है और पूजा से कहती है कि तुम इस वक़्त मेरे घर कैसे. पूजा उसे बताती है कि वो थोड़ा परेशान है. वो उससे पूछती है कि वह जो अंकल अभी उनके घर आए थे वह तो शहर के बहुत बड़े पुलिस अधिकारी हैं न, हाँ निशा ने पूजा से कहा- पूजा ने फिर कहा कि आप उनसे कैसे परिचित हैं. निशा ने कहा, दरअसल मैं एक समाज सेविका हूँ और एक केस के सिलसिले में वह मेरे घर आए हुए थे. खैर तुम बताओ तुम ये सब क्यूँ पूछ रही हो. इतना सुनते ही पूजा रोने लग जाती है निशा उसे बैठा कर पूछती है बताओ आखिर बात क्या पूजा उससे बताती है कि वो आज आत्महत्या करने जा रही थी तभी उसने उसे घर से बाहर जाते हुए देखा और रुक गई कि कैसे आप अकेले भी निडर होकर जी लेते हो.
निशा मुस्कुराई और कहने लगी दुनिया की हर औरत खूबसूरत दिखना चाहती है. एक पुरुष का साथ चाहती है. वह चाहती है कि उसका एक सुंदर-सा घर परिवार हो. बच्चे हों, एक औरत कभी भी अपने मन से मर्दाना नहीं बनना चाहती. मगर यह समाज और खास करके उसका करीबी पुरुष ही उसे मर्दाना औरत बनाकर रख देता है. निशा उसे बताती है कि कैसे उसे अपना घर परिवार अपने मां-बाप छोड़कर यहां शहर में  आकर रहना पड़ा. निशा बताती है कि उसकी शादी रवि से हुई थी.जो कि एक बड़ा बिजनेसमैन था. बिजनेस की सिलसिले में हमेशा बाहर रहा करता था. वह अपने घर की इकलौती बेटी थी. निशा के माता-पिता की एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. और उसके बाद रवि का रवैया उसके प्रति बदलने लगा. एक दिन उसने अपने बॉस के लिए निशा से वह करने को कहा, जिसके लिए वह तैयार नहीं हुई. और वह रवि को छोड़कर अकेले यहां पर आकर रहने लगी.
लेकिन एक स्त्री की विडंबना तो देखो उस एक बुरी नजर से बचने के लिए अब उसे हर रोज करोडो बुरी नजरों का सामना करना पड़ता है.
खैर, पूजा कहो कैसे आना हुआ. निशा ने सवाल भरी नजरों से पूछ लिया तुम आत्महत्या करने क्यों जा रही थी. पूजा कुछ देर रुकने के बाद  निशा के पास आकर बैठ जाती है और बताती है कि उसे निशा की मदद की आवश्यकता है, उसे बताती है कि उसने पिछले कुछ ही दिन पहले राहुल नाम के लड़के से कोर्ट मैरिज कर ली है. लेकिन अब राहुल अपने माता-पिता की मर्जी से कहीं और शादी करने जा रहा है. और उसने उसे धमकी दी है कि अगर उसने किसी को भी यह बात बताई कि उसकी कोर्ट मैरिज राहुल के साथ हो चुकी है. तो वह उसके भाई को जान से मार डालेगा, जो उसके ही ऑफिस में उसके साथ काम करता है. उसने बताया कि राहुल एक बहुत ही क्रूर इंसान है और उसे डर है कि यदि उसने किसी को बताया तो कहीं वह अपने भाई को खो न बैठे, बस इसीलिए वह आज अपने जीवन को समाप्त करने जा रही थी कि तभी उसने निशा को उस पुलिस वाले के साथ देखा और एक उम्मीद जागी कि शायद उसका जीवन निशा बदल सकती है और वह निशा के आगे गिड़गिडाने लग जाती है. निशा पूजा से कहती है कि अभी बहुत रात हो चुकी है वो अपने घर जाए कल वो उसे थाने में सुबह १०:३० बजे मिलेगी. पूजा थाने जाती है और निशा उसे उसका हक वापस दिलवाती है मगर ये क्या पूजा के पिता और मोहल्ले के कुछ लोग निशा को चरित्रहीन और उनके परिवार की लड़कियों के बिगड़ने का जिम्मेदार बताते हुए मोहल्ले से निकल जाने के लिए कहते हैं. एक बार फिर निशा खून के आँसू अपने अंदर छुपाए घर छोड़ कर चली जाती है और सोचने लगती है कि उसे यूँ दर-बदर भटकाने और मर्दाना औरत कहलवाने के पीछे समाज की कितनी भूमिका थी. और कसम खाती है कि समाज उसे कुछ भी कहे वो इस समाज में दूसरी निशा पैदा नहीं होने देगी और पूजा जैसी हर एक लड़की की हर सम्भव मदद करेगी, और फिर एक भीनी सी मुस्कान लिए अपनी गाड़ी पर सवार हो कर चल देती है अकेली मर्दाना औरत....

श्रद्धांजलि शुक्ला

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