कमजोर मानसिकता का परिणाम आत्महत्या

Jun 19, 2024 - 14:30
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हमारे समाज में एक रोग तेजी से बढ़ रहा है,वह आत्महत्या का|आये दिन न्यूज में देखते है सुनते है| एक और ट्रेंड चल निकला है,सुसाइड के पहले लाइव बोलना फिर सुसाइड कर लेना|विडिओ
 बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर,फिर आत्महत्या करना| किसी नदी के किनारे या बिल्डिंग की छत पर कूदना, फांसी लगा लेना,जहर खाकर आत्महत्या करना|
 ये हमारे समाज के लिए और हमारी युवा पीढ़ी के लिए बड़ा ही घातक है| यह सोचनीय विषय है कि हमारी युवा पीढ़ी मानसिक रूप से इतनी कमजोर कैसे होती जा रही है? परेशानियों,समस्याओं का सामना करने के बजाय क्यों भाग रहे है?
राष्ट्रीय अपराध  रिकॉर्ड ब्यूरो ने पिछले साल देश में हुई आत्महत्या को लेकर अपनी एक रिपोर्ट पेश की है और कई आश्चर्यजनक आंकड़े ने पेश किये है|
 दिहाड़ी मजदूर, बेरोजगारों और कृषि से संबंधित लोगों ने 2020-21 में सर्वाधिक संख्या में आत्महत्या की है| जब पूरा देश कॉविड महामारी से जूझ रहा था तब एनसीआरबी की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 2021 में 1 लाख 64000 33 लोगों ने आत्महत्या की 2021 में 1,18,980 पुरुषों ने आत्महत्या की| जिसमें 37,751 दिहाड़ी मजदूर और 18,803 स्वरोजगार से जुड़े लोग और शेष बेरोजगार शामिल थे| 2021 में लगभग 41,026 महिलाओं ने आत्महत्या की| इन सबके प्रमुख कारण मानसिक ,शारीरिक रोग का होना,हीन भावना, समाज में मानहानि का डर होना, कार्यालय पर शोषण होना परीक्षा में फेल होना या कम नंबर आना| पारिवारिक संकट, पारिवारिक समस्याएं और आर्थिक संकट|
 युवा छोटी-छोटी बातों पर आत्महत्या कर लेते है| आत्महत्या करने से पहले ये नहीं सोचते हैं कि उनके आत्महत्या कर लेने से समय, समाज पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला समय अपने हिसाब से चलता रहेगा कुछ दिनों तक वह अखबार की सुर्खियां बने रहेंगे सोशल मीडिया की खबरें बने रहेंगे और कुछ ही दिनों बाद भुला दिए जाएंगे|
अनेकों नही सैकड़ो महान लोगो के जीवन को पढ़ेगें तो मालूम पड़ेगा कि सफलता के पीछे कितना कठोर परिश्रम और संघर्ष छिपा है|सफलता आसानी से नही प्राप्त होती| जीवन के उतार चढाव और दुःख तकलीफें किसके जीवन मे नही होती? उसका अर्थ ये नही होता कि घबरा कर सुसाइड किया जाए|
आत्महत्या कभी किसी समस्या का  हल ना थी ना ही हो सकती है ये कहना है हमारे देश के प्रसिद्द लोगो का|
(1) समस्याएं जीवन मे आती है दिलेरी से सामना करो (महाश्वेता देवी( प्रख्यात लेखिका)
(2) हौसला नही हारना चाहिए जिंदगी सबसे ताकतवर है|  जावेद अख्तर(प्रसिद्द गीतकार)
(3) आत्महत्या का दूसरा नाम नपुंसकता है |अमिताभ बच्चन (प्रसिद्द अभिनेता)
(4)जीवन आपका नही आपके परिवार का है |जैकी श्रॉफ (अभिनेता)
(5) संघर्ष से मिली सफलता की खुशबू अलग होती है| सुधा चंद्रन ( अभिनेत्री)
संघर्ष,मेहनत से निश्चित ही सफलता मिलती है| झगड़े,बीमारी,अवसाद,परीक्षा में कम अंक लाना या फेल होना |जीवन से बड़ा तो नही ?फिर ये कदम क्यो ?लवर,दोस्त से ब्रेकअप होना भी इसकी वजह देखने मे आती है| ऐसे कारणों  पर युवा पीढी को एक बार ठंडे दिमाग से ये जरूर सोचना चाहिए कि किसी एक व्यक्ति से रिश्ता टूट जाने पर जीवन को खत्म कर लेना कोनसी समझदारी है? आपके खुद के जीवन की आपकी नजरो में क्या कोई कीमत नही ? आपका जीवन अनमोल है याद रखिये हमेशा| आप अपने आत्मसम्मान को बनाकर रखिये|
विशेषज्ञ कहते है जब भी आप परेशान हो तो शेयर कीजिये अपनी बातें| अपनी समस्या| अपनी हॉबी पूरी कर लीजिए|प्रकृति को निहारिये,पत्थर में भी पौधे उग जाते है| कुछ सूझावो पर भी हमारी युवा पीढ़ी गौर कर सकती है|
(1) रोना आये तो खुल कर रो ले|
 (2) दुःख को अपने किसी खास से बाँटे |
(3)जीवन की समस्याओं को चैलेंज के रूप में ले|
(4) योग का सहारा ले |
(5) महान व्यक्तियों की बायोग्राफी पढ़िये|
(6)चिंता करने की आदत छोड़ें |
 (7) अपनी हॉबी को पूरा करें |
(8) किसी वृद्धा आश्रम में जाकर उनके दुखो और संघर्षों को जाने |
(9) अपनी पसंद की अच्छी सी मूवी देख ले|
(10) डॉक्टर से सलाह लेने में संकोच ना करें |
इसमे परिवार को भी ध्यान रखना होगा कि युवा ओर बच्चो को अपने सपनो को पूरा करने के लिए प्रेशर नही दें| सामाजिक संगठन भी समय समय पर जागरूकता अभियान चलाकर इस पर अंकुश करने का प्रयास कर सकते है|
एक बात हमेशा याद रखिये
समस्या तो है सबके साथ,
बस नजरिये की है बात "|
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इन्दु सिन्हा"इन्दु"

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