ज़िंदगी

ज़िंदगी किसी ने तुझे सफ़र जाना कोई तलाश में तेरी निकले और खुद मुसाफ़िर हो गए

Mar 3, 2025 - 17:08
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ज़िंदगी
Life

ज़िंदगी

ज़िंदगी तेरे बारे में न जाने
क्या - क्या कहा गया
कितनी कविताएँ, गीत, ग़ज़ल
लिखे गए तेरे बारे में
कितनी किताबें तुझपर लिखी गई
खुद तुझे कभी किताब तक कहा गया

ज़िंदगी किसी ने तुझे सफ़र जाना
कोई तलाश में तेरी निकले
और खुद मुसाफ़िर हो गए
भटकते रहे राहों में कोई
कोई है जो मंजिल पा गए

ज़िंदगी सुखों का सागर है
तो कभी दुखों का ऊँचा पहाड़
या दोनों से इतर है
जहाँ सुख - दुख एक समान

ज़िंदगी है एक ऐसा दरिया
जो बहती जाए है अविरत
गम हो या खुशी या कि हो मार्ग अवरूद्ध
कितनी भी आए मुश्किलें
रूकती नहीं, ठहरती नहीं कभी
चलती है, बहती है अनंत सागर की ओर

जिंदगी कैसी भी हो गुजर ही जाती है
कभी एक पल में ही बीत जाता है
जैसे उम्रों का लंबा सफ़र
कभी एक पल भी नहीं गुजरता है
हो जाता है लंबा सदियों सा

ज़िंदगी उलझती है कभी पहेली सी
तो कहीं लगती बड़ी सरल है
कभी उलझ गए उलझनों में उलझन बनकर
तो कहीं सुलझाने की कोशिशें बेहिसाब हैं

ज़िंदगी छोटी सी है मगर
हजारो रंग भरे पड़े हैं इसमें
जैसे माली ने सजाया हो बाग को
हर तरह के रंग- बिरंगे फूलों से
किसी तरह जीने का हुनर आ जाए तो
हर रंग की अपनी महक है, अपना आनंद

ज़िंदगी संघर्ष के बिना क्या है, कुछ भी नहीं
सागर भी हो सकता है क्या लहरों के बिना
जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष ही तो है
बिन संघर्ष के क्या हो सकता है कुछ हासिल
सीधी और सपाट राहें इसको भाती ही नहीं

ज़िंदगी चाहे जैसी भी है मगर
इसका न है न हो सकता है कोई मोल
यह तो है ही अनमोल क्योंकि
इसे हासिल हो सकता है..... प्रेम 

 
भूपेंद्र पाल 
हिमाचल प्रदेश

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