भारतीय संविधान पर खतरा
हमारी माँ- बहन अब बाहर निकलने से भी डर रहीं हैं। मेरे यह लेख लिखने का मतलब यह है कि मैं अपने लेख के माध्यम से आप सब मेरे प्यारे भारतवासी से निवेदन करना चाहता हूं, सरकार और प्रशासन से अपील करना चाहता हूं कि भारत के संविधान को बचाने का प्रयास करें।

भारतीय संविधान पर खतरा
भारत का संविधान दुनियाँ का बहुत बड़ा संविधान है। यह भारत और भारत में बसे लोगों को एक डोर से बांधकर रखता है, मतलब धर्म जाति का भेद भावना मिटाकर इंसानियत सिखाता है तथा समता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्ष और हम भारत के लोग जैसे वाक्यों से सबको एक साथ मिलकर रहने का पाठ पढ़ाता है। लेकिन आज इतने सुन्दर संविधान पर खतरा है वो इसलिए कि आज जो भारत को एक धार्मिक राष्ट्र बनाने की होड़ लगी हुई है जोकि बहुत भयानक और खतरनाक है। इस लेख से मैं किसी के आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं बल्कि आने वाले खतरे से आगाह कर रहा हूं। धार्मिक और पूजा पाठ एक अलग विषय है। भगवान, अल्लाह, ईशू या कोई और में आस्था रखनी अच्छी बात है। और ये होना भी चाहिए। लेकिन देश चलाना अलग विषय है। देश चलाने के लिए कानून की आवश्यकता होती है नाहीं धर्म की। भारत जिस दिन कोई धार्मिक ( हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या और कोई ) राष्ट्र बना, तो वह दिन भारत के लिए अभिशाप होगा। ये मैं नहीं बल्कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर ने कहा था। क्योंकि भारतीय संविधान लागू होने से पहले भारत में कई तरह के कानून थे जैसे- मनुस्मृति, शरियत और ऐसे कानून भारत को जोड़ते नहीं बल्कि तोड़ने का काम करते हैं। जैसे मनुस्मृति में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र और शूद्रों को पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं था मनुस्मृति के अनुसार ठीक वैसे ही शरियत कानून में भी है। उनमे यह है कि जो इस्लाम कबूल कर लिया है वो सुरक्षित है और जो कबूल नहीं किया उसपर शरियत कानून लागू होगा या वो काफिर होगा। इसी बात का भारत का संविधान विरोध करता है। डॉ बाबा साहब अंबेडकर ने ये बात संविधान सभा में कहे भी थे कि भारत जिस दिन कोई धार्मिक राष्ट्र बना तो वह दिन भारत, भारत के संविधान और भारत के लोगों के लिए खतरा होगा। और इसे सेकुलर बनाया ताकि जिसको जो धर्म मानना है तो वह मान सकता है, प्रचार प्रसार कर सकता है लेकिन भारत और भारत के लोगों पर जबरन थोप नहीं सकता। भारत को ज्ञान, विज्ञान और संविधान की जरूरत है। आस्था तो अपने घर में भी हो सकता है। लेकिन आज यही चल रहा है। बाबा साहब अंबेडकर की बातें सौ प्रतिशत बात सही साबित हो रहा है। देखिए आज भारत के संविधान किस तरह से तार तार किया जा रहा है। लोकतंत्र की हत्या, सेकुलर की हत्या, उसपर दलितों और शोषितों पर फिर से वही पुराना वाला कानून थोपने की कोशिश की जा रही है। धर्म के नाम पर हत्या किया जा रहा है। ल़डकियों और महिलाओं का सरेआम शोषण हो रहा है। प्रशासन भी चुप्पी साधी है। उत्तर प्रदेश और बिहार में कितने बहनों का शोषण कर उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है। य़ह भारत के संविधान खतरा नहीं हुआ तो और क्या हुआ। मैंने जितनी सारी बातें बताई वो सब कानून के विद्वानों ने इन कुकर्मो के खिलाफ कठोर कानून बनाए क्या वह आज लागू हो रहा है। हमारी माँ- बहन अब बाहर निकलने से भी डर रहीं हैं। मेरे यह लेख लिखने का मतलब यह है कि मैं अपने लेख के माध्यम से आप सब मेरे प्यारे भारतवासी से निवेदन करना चाहता हूं, सरकार और प्रशासन से अपील करना चाहता हूं कि भारत के संविधान को बचाने का प्रयास करें। इसी संविधान हम, हमारा भारत, हमारी माँ और बहने सुरक्षित हैं। प्रशासन कृपया इस पर ध्यान दे और वो संविधान में महिलाओं को दिए अधिकारों को पुनर्जीवित करे और जो हमारे माँ बहनों पर नजर लगाए तो उसपर कानून के अनुसार कठोर से कठोर सजा का प्रावधान करें। मैं भारत का एक नागरिक होने के नाते और य़ह मेरा फर्ज बनता है कि मैं अपना सबकुछ कुर्बान कर अपने भारतीय संविधान का रक्षा करूँ, सब माँ बहनों का सम्मान करूँ। यह लेख लिखने का मेरा यही मकसद है।
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