Tag: ’प्रेम’ परमात्मा का ऐश्वर्य है

'प्रेम' गर्भ है; ध्यान, धारणा एवं समाधि का

हमारा प्रेम चेतना की प्रखर और शुद्धतम अवस्था है। यह बौद्धिक अथवा तार्किक नहीं है...