Tag: लगभग चालीस वर्ष पूर्व बंगाली विद्यापति को अपना कवि समझते थे

भक्त कवि विद्यापति और उनका काव्य संसार

"मोर पिया सखि गेल दूरी देश। जौवन दए भेल साल सनेस।। मास असाढ़ उनत नव मेघ। पि...