सपनों के बीच महीन दीवार

बहुत पुरानी बात है तब की मैं अपने सपने को लगभग विस्मृत कर चुका हूं..! किंतु उस समय वह मेरे समक्ष कुछ उसी तरह थी चमक रही जैसे आदित्य की किरणें 

Jun 7, 2025 - 18:14
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सपनों के बीच महीन दीवार
The thin wall between dreams

बहुत पुरानी बात है तब की
मैं अपने सपने को लगभग विस्मृत कर चुका हूं..!
किंतु उस समय
वह मेरे समक्ष
कुछ उसी तरह थी चमक रही
जैसे आदित्य की किरणें 

और कुछ क्षणों बाद
एक महीन दीवार
धीरे-धीरे....
वो महीन दीवार
मेरे और मेरे सपने के बीच बनती आई
महीन दीवार
धीरे-धीरे...
दबाना,
छिपाना प्रारम्भ कर दी
मेरे सपने के प्रकाश को
नित निरंतर वह बढ़ती गई
जब तक उसने छू न ली गगन को
वह एक महीन दीवार! 

प्रतिबिंब
मैं काजल सा..
नतमस्तक हो गया मै प्रतिबिंब में
न रही मेरे सपने की प्रकाश
न मेरे पहले....
न मेरे ऊपर,
केवल और केवल
बस महीन दीवार
बस वह प्रतिबिंब...! 

मेरे हाथ!
मेरे कोयले से हाथ!
निकल पड़े तोड़ महीन दीवार के पार
खोजने उस गर्त में गिरे सपने को
मदद करने को मेरे,
अंधकार को कर दूर, रात्रि का सीना चीर,
प्रतिबिंब को तोड़..
हजारों भास्कर की किरणों में
नवजीवन देने सपनों को
उन हजारों भास्कर की किरणों में! 

बिष्णु गोस्वामी 

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