कलम उठायी है
जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है जय हिंद जय भारत की सेना जिस मिट्टी में जनम लिए उसकी हिफाज़त की कसम लिए जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है

जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है
वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है
जय हिंद जय भारत की सेना
जिस मिट्टी में जनम लिए
उसकी हिफाज़त की कसम लिए
जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है
वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है
बेसक माँ ने जनम दिया
पर वतन की मिट्टी माई है
हम भारतवासी सब मिलकर
तिरंगे की शान बढ़ाने की कसमें खाई है
धैर्य-धैर्य जब तक होगा
तब-तब कायर अपना परिचय देगा
तुम्हारी हरकतें सुदर्शन चलवाई है
जब-जब लिखने के लिए कलम उठाई है
वीर सपूतों की शौर्य गाथा लिखाई है।
सुनील यादव साहित्यिक
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