Tag: hindi poem india

पूर्णिका

आंधी से तूफानों से, ये मजदूर लड़ता है जलता है धूप में वो, तब चूल्हा जलता है ग...

स्वतंत्रता का त्यौहार है

जाति धर्म ऊंच-नीच के बीच अब तक होता अत्याचार है मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में...