स्वतंत्रता का त्यौहार है
जाति धर्म ऊंच-नीच के बीच अब तक होता अत्याचार है मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
गरीबी भुखमरी से ,अब तक देश लाचार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
विचारों में अशुद्धता, शिक्षा में अब तक विकार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
नौकरियों में घोटाला, पैसा अब तक आधार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
जाति धर्म ऊंच-नीच के बीच अब तक होता अत्याचार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
ये नई नई पाश्चात्य सभ्यताएं गुलामी का ही तो प्रकार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
हिंदी माध्यम का घटता महत्व ,अंग्रेजी का बढ़ता उद्दगम विचार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
नीतेश देश को सिर्फ नाम का नहीं क्या हम सभी का ह्रदय से आभार है
मनाते तो हम हैं मगर क्या सच में स्वतंत्रता का त्यौहार है
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