तेरा साया और मेरी काया
यह कटु सत्य है कि
तुम लौट कर नहीं आओगे
फिर भी न जाने क्यों
इंतजार रहता है तुम्हारा
मिलते तो बहुत है राह में
तुम जैसा मिले तो बात हो
तुम्हारी बातें तुम्हारी यादें
रहती है साथ मेरे हर पल
तेरा साया और मेरी काया
ना दूर होगा कभी ना पास
तेरी यादों के चक्रव्यूह में
अभिमन्यु जैसी जिंदगी मेरी
यादों के झुरमुट से निहारती
तेरी खामोश आंखों की रोशनी
किस पथ पर ले जाएगी मुझे
शायद तुम्हें भी नहीं होगा मालूम
जितना सत्य यह है कि
तुम नहीं आओगे लौट कर
उतना ही सच यह भी है कि
दो जिस्म की एक आत्मा हैं हम
हम कभी मिले थे इस जहां में
यह इस दुनिया का सत्य है
अब होगी मुलाकात उस जहां में
जो दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है।
सच और झूठ के इस युद्ध में
सच की विजय होगी या झूठ की
बस इसी उधेड़बुन भरे चक्रव्यूह में
अभिमन्यु जैसी बन गई है जिंदगी।
यह जानते है हम अच्छे से
तुम लौट कर नहीं आओगे
फिर भी न जाने क्यों
इंतजार रहता है तुम्हारा
What's Your Reaction?