गज़ल 

हवाओं के रुख की फ़िक्र  परिंदे कहां किया करते हैं। अरमानों की उड़ान बेख़ौफ़  परवाज़ किया करते हैं।

Jun 14, 2025 - 15:36
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हवाओं के रुख की फ़िक्र 
परिंदे कहां किया करते हैं।

अरमानों की उड़ान बेख़ौफ़ 
परवाज़ किया करते हैं।

हौसलों की हदें कहां होती हैं 
आसमां नाप दिया करते हैं।

खौफ के साये में छुपे लोग 
बहुत शोर किया करते हैं।

जांबाज दिलों के अफसाने `राज'
मुस्तकबिल बयां किया करते हैं।

राजीव रंजन सहाय
देवघर, झारखंड

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