सावन तीज पर कह मुकरियां
जब देखो तब पीछा करता शक्ल सांवली मुझपर मरता। प्रेम सुधा बरसाता पागल, का सखि साजन?ना सखि बादल
जब देखो तब पीछा करता
शक्ल सांवली मुझपर मरता।
प्रेम सुधा बरसाता पागल,
का सखि साजन?ना सखि बादल।१।
अंतस तक वो राज जमाता
जन्म मरण तक साथ निभाता।
सावन में भाए ना दूजा,
का सखि साजन? ना सखि पूजा।२।
गोदी में है मुझे बिठाता
सावन में वो पास बुलाता।
फूलों से सज जाता दूल्हा,
का सखि साजन? ना सखि झूला।३।
सावन तीज को अंग लगाऊँ
उसके बिन मैं रह ना पाऊँ।
उसकी खातिर लड़ती बहना,
का सखि साजन? ना सखि गहना।४।
सुबह-शाम होंठों पर सजता
दिल के कोने में वो बसता।
बरसों से वही मन का मीत,
का सखि साजन? ना सखी गीत।५।
शर्मिला चौहान
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