कौन हिन्दू है ?
एक सनातनी ने बौद्ध से कहा है- तुम हिन्दू नहीं, तुमने बुद्ध को चुना है। यह सुनकर दिमाग हिल गया,
एक सनातनी ने बौद्ध से कहा है-
तुम हिन्दू नहीं,
तुमने बुद्ध को चुना है।
यह सुनकर दिमाग हिल गया,
कौन हिन्दू है ?
कौन हिन्दू नहीं ?
यह पता चल गया।
अब बैठकर मैं भी सोचता हूँ-
'सिंध के हिंद' की क्या परिभाषा कहूँ ?
जब मज़हब ही सबकुछ है;
तो, किस मज़हब मैं रहूँ ?
मैंने पढ़ा था-
संविधान ने सबको यह हक दिया है;
जो चाहे मज़हब चुन लो,
मौलिक अधिकारों में लिखा हुआ है।
लेकिन,
जब ऐसी बातें होती है,
अपने हिंदू होने पर,
मुझको भी पीड़ा होती है...।
अनिल कुमार केसरी
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