सावन के मौसम में
सावन के मौसम में, रिमझिम पानी बरसता है।
सावन के मौसम में,
रिमझिम पानी बरसता है।
कहीं उफनती नदियां हैं,
कहीं बादल फटता है।
हवाएं गाती राग मल्हार,
कहीं मेघ गर्जता है।
कहीं दमकती दामिनी है,
कहीं प्यासा मन तरसता है।
छाए घटाएं घनघोर कहीं,
कहीं वायु में चंचलता है।
बरसे जमकर सावन उसमें,
मन मोर के जैसे, मचलता है।
कहीं झूलता बचपन झूला,
फूलों पर यौवन खिलता है।
तीज त्यौहार के रंग का मौसम,
पींघ और झूला डलता है।
सावन के मौसम में,
रिमझिम पानी बरसता है।
डॉ. राजवंती
What's Your Reaction?