Benefits of yoga and meditation : योग और साधना के लाभ

This article highlights the importance of Yoga, its spiritual and physical benefits, and the necessity of daily practice. It explains the purpose of Yoga, pranayama, Surya Namaskar, meditation, and achieving mental peace. It also discusses International Yoga Day and the contribution of Prime Minister Modi. योग का वास्तविक उद्देश्य शारीरिक मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखना है। सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ओम उच्चारण तथा अनेक प्रकार के यौगिक मुद्राएं एवं योगासन हमारे शरीर को स्वस्थ, चुस्त-दुरुस्त एवं निरोग रखते हैं। ओम का उच्चारण हमारे पूरे शरीर के लिए लाभदायक है। योग हमारे शरीर को संतुलित, सुदृढ़, स्वस्थ रखते हैं और अनेक प्रकार की व्याधियों में भी कारगर है।

Jul 7, 2025 - 16:43
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Benefits of yoga and meditation : योग और साधना के लाभ
Benefits of yoga

 Benefits of yoga and meditation : योग हमारे भारतीय जीवन शैली का अभिन्न अंग है। यह एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा को साधने की साधना की जाती है। योग मात्र केवल तन मन को स्वस्थ रखने की दिनचर्या ही नहीं है वरन मन और आत्मा को ईश्वर के साथ एकात्मकता स्थापित करने की भी प्रक्रिया है। योग द्वारा मन को ध्यान और साधना से स्थिर एवं एकाग्र करना है। कहते हैं कि मन की गति रॉकेट से भी बहुत ज्यादा तेज है। क्षणांश में कहीं और पल में कहीं। हमारे धार्मिक ग्रंथ में हमेशा यही कहा गया है कि मन को साधना है। यह बात गीता में कही गई है कि उसे (मन) इधर-उधर भागने की बजाय अपने स्वयं के अंदर लाना है। जिस प्रकार वायु न चलने पर दीप ज्योति कंपित नहीं होती ऐसे ही योग साधक का मन निष्कंप होता है। प्राचीन भारतीय दर्शन में हम पाते हैं कि हमारे पूर्वजों को प्रकृति के हर क्रियाकलापों में जिज्ञासा थी। ऋग्वेद में मन की चंचलता के अनेक प्रसंग मिलते हैं वन, पर्वत और आकाश में घूमते मन को ‘कल्याण' से जोड़ने की स्तुति की गई है।


योग का वास्तविक उद्देश्य शारीरिक मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखना है। सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ओम उच्चारण तथा अनेक प्रकार के यौगिक मुद्राएं एवं योगासन हमारे शरीर को स्वस्थ, चुस्त-दुरुस्त एवं निरोग रखते हैं। ओम का उच्चारण हमारे पूरे शरीर के लिए लाभदायक है। योग हमारे शरीर को संतुलित, सुदृढ़, स्वस्थ रखते हैं और अनेक प्रकार की व्याधियों में भी कारगर है। यहाँ तक मानसिक बीमारी में भी योग फायदेमंद है। स्वस्थ शरीर और एकाग्र मन मनुष्य की आदिम अभिलाषा है। योग द्वारा मानसिक शांति एवं संतोष प्राप्त होता है। योग का तात्पर्य जीवन को त्यागना नहीं बल्कि दैवी शक्ति पर विश्वास रखते हुए जीवन की हर चुनौतियां एवं समस्याओं को साहसपूर्ण ढंग से सामना करना है। योग कठिन आसन और प्राणायाम का अभ्यास ही नहीं है बल्कि ईश्वर के प्रति निष्काम भाव से आत्मसमर्पण भी करना है। आज लोग लोगों ने योग को ‘योगा' कहकर इसे एकमात्र शारीरिक प्रक्रिया मान लिया है, किंतु हमारे हिंदू दर्शन में योग केवल शरीर को साधने की बात नहीं करता बल्कि चंचल मन एवं आत्मा को साधने की बात करता है। कहते हैं ना कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन का निवास होता है और एक स्वस्थ मन ही एक स्वस्थ मानव, परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है। एक स्वस्थ तन मन ही अच्छी बातें सोच सकता है। विकास कार्यों में अपने आप को आगे बढ़ा सकता है और नई-नई चीजों को इज़ाद कर सकता है। 


अतः योग और ध्यान हमारे दैनिक जीवन में हमारे शरीर, मन एवं आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक है। क्योंकि हर कार्य करने का अपना एक निश्चित समय होता है। अमृतवेले में जो ताजगी, शांति और सात्विकता प्राप्त होती है, वह मनुष्य को ताजा, शीतल और मनोवांछित कर्मों में प्रवृत करती है। अतः मनुष्य को योगाभ्यास प्रातः काल में ही करना लाभदायक है।
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के फल स्वरुप ही २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया और हम इस दिन योग दिवस के रूप में मनाते हैं।


देश-विदेश के कई विश्वविद्यालय में हिंदू दर्शन एवं योग की पढ़ाई की जाती है। शिक्षा हमारे ज्ञान के साथ-साथ हमारे व्यवहार को परिष्कृत एवं परिमार्जित करता है। योग एवं ज्ञान को हम सभी को संपूर्णता के साथ अपने दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए और उसे साधना चाहिए। 

डॉ. अनीता निधि 
जमशेदपुर, झारखंड

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