Hindi Poetry | पेड़ प्रतिष्ठा
इसमें भी है जीव, जीव को व्यथा न बांटो । पूज्यनीय हैं पेड़, पेड़ को कभी न काटो ।।
सांसो का है स्रोत,
स्रोत सोपान बचाओ ।
जीवन का पर्याय,
पेड़ की जान बचाओ ।।
इसमें भी है जीव,
जीव को व्यथा न बांटो ।
पूज्यनीय हैं पेड़,
पेड़ को कभी न काटो ।।
इनसे ही मुस्कान,
अधर मुस्कान बचाओ ।
जीवन का पर्याय,
पेड़ की जान बचाओ ।।
तरु सरिता की शील,
शील सरि जरा न होगी ।
पेड़ नही गर व्याप्त,
व्याप्त ये धरा न होगी ।।
इन्द्रजीत करि ध्यान,
धरा की शान बचाओ,
जीवन का पर्याय,
पेड़ की जान बचाओ ।।
इन्द्रजीत दूबे
What's Your Reaction?