महिला दिवस
लड़की पैदा होने पर जब लड्डू सारे गाँव बँटेगा.
नारी को अबला ठहराकर
ये समाज जब नहीं छलेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
लड़की पैदा होने पर जब
लड्डू सारे गाँव बँटेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
बेटी बाहर भेज अकेली
माँ का दिल जब नहीं डरेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
दूजे हाथ सौंपते बेटी
शीश पिता का नहीं झुकेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
बहुओं को जब ससुराल में
बेटी जैसा प्यार मिलेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
पत्नी पर चुटकुले बनाकर
पुरुषवर्ग जब नहीं हँसेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
इक महिला की ख़ुशियों से जब
दूजी का दिल नहीं जलेगा..
उस दिन महिला दिवस मनेगा!
स्वीटी सिंघल ‘सखी’
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